जब श्री राम जी और सीता जी की शादी हुई थी तो राम जी उम्र 25 वर्ष और सीता माता की उम्र 18 वर्ष थी। इसका उल्लेख रामायण में भी है।
अब आते हैं अपने मूल प्रश्न पर जिसका उल्लेख अन्य मजहब के लोग हिंदू धर्म को अपमानित करने के लिए करते हैं।
अगर किसी ने वाल्मिकी रामायण या रामचरितमानस पढ़ी है तो इसमें साफ साफ संस्कृत में लिखा है की श्री राम जी और सीता जी की शादी के वक्त आयु 25 साल और 18 साल थी।
आईए समझते हैं हमारे धर्म ग्रंथों में क्या लिखा है
सीता जी का विवाह वाल्मीकि रामायण के अनुसार
जिसने भी रामायण या हिन्दू ग्रन्थ पढ़े हैं उसको पता है की हिंदुओं में मनुष्य के जीवन को चार खंडों में बांटा गया है।
पहला चरण होता है ब्रह्चर्य जिसकी शुरुआत जन्म से लेकर 25 वर्ष तक रहती है।
उसके उपरांत आता है गृहस्थ जीवन जिसकी शुरुआत 25 साल से 50 साल तक होती है।
उसके उपरांत आता है वानप्रस्थ जीवन जिसकी शुरुआत 50 साल से 75 साल तक होती है।
फिर अंत में आता है सन्यास जीवन जिसकी शुरुआत 75 साल से 100 साल या मृत्यु तक रहती है।
अनादि काल से हिन्दू इसी को मानते आ रहें हैं और सभी हिन्दू ग्रंथों में भी यही लिखा है।
तो आप अब स्वयं सोच सकते हैं की जब श्री राम स्वयं 25 साल तक गुरुकुल में रहे तो वो 14 साल में शादी कैसे कर सकते हैं।
शादी की आयु ग्रहस्त जीवन यानी की 25 साल से शुरू होती है।
राम जी की शादी के समय आयु 25 साल की थी और सीता माता की 18 साल।
अब आपको एक दूसरा तथ्य बताते हैं जो की रामायण में लिखा है।
रामायण में भी राम सीता के विवाह की आयु क्रमश: 25 और 18 वर्ष लिखी है। वाल्मिकी रामायण के अरण्य काण्ड में सीता जी ने स्वयं अपनी आयु बताई है।
उन्होने कहा है की जब सीता जी का विवाह श्री राम जी के साथ हुआ तो उनकी उम्र 18 साल थी और श्री राम जी की 25 साल।
हिन्दू धर्म में जब शिक्षा देने की शुरुआत होती है तो उसे उपनयन (शिक्षा की दीक्षा) या द्विज (दूसरा जन्म) माना जाता है।
क्षत्रिय में यह 11 वर्ष से शुरू होता है और 25 वर्ष तक रहता है।
इसके पहले विवाह नहीं होता और श्री राम जी का उपनयन संस्कार भी उसी तरह हुआ था तो स्पष्ट है की श्री राम जी की शादी जब हुई तो उनकी उम्र 25 वर्ष थी।
स्त्रियों की शिक्षा हमारे शास्त्रों और ग्रंथों के अनुसार 8 साल से 18 तक होती है और उसके पहले शादी नहीं की जाती।
इसलिए जब सीता जी की शादी हुई थी तब उनकी उम्र 18 वर्ष थी।
बहुत से लोग ये तर्क देते हैं की पहले जमाने में शादी कम उम्र में हो जाती थी लेकिन ये सच नहीं है।
भारत वर्ष में मुगलों के आक्रमण के पहले कम उम्र में शादी का उल्लेख कहीं भी नहीं है।
मुगलों के हमले जब भारत में शुरू हुए तभी से बाल विवाह और सती प्रथा जैसी कुप्रथा शुरू हुई।
क्योंकि मुगल बहुत ही बर्बर और असभ्य थे वो बच्चियों तक का रेप करके उनको मार देते थे और उठा ले जाते थे।
इसलिए बच्चियों की कम उम्र में ही शादी कर दी जाती थी और सती प्रथा का भी यही कारण था।
आपने इतिहास में पढ़ा ही होगा की कैसे रानी पद्मावत ने जौहर (सती) किया था ताकि वो बर्बर आक्रमणकारी खिलजी के हाथ में ना आ सकें।
इसी तरह कई अन्य रानियों ने भी जौहर (सती) किया था ताकि उनका अपमान ना हो।
👇👇👇
Amazing 🤩