क्या आपने कभी सोचा है कि लिफ्ट के अंदर शीशा क्यों लगा होता है


 

क्या आपने कभी ध्यान दिया है की लिफ्ट के अंदर शीशा क्यों लगा होता है या लिफ्ट के अंदर की दीवार की सतह इतनी चमकदार होती है की आप अपनी शक्ल देख सकें। 

क्या आपको पता है की ऐसा क्यों किया जाता है खासतौर पर जिस बिल्डिंग में 5 से अधिक फ्लोर होते हैं उनमें शीशा जरूर लगा होता है। 

आईए जानते हैं की क्या कारण है इस खास डिजाइन का

लिफ्ट के अंदर शीशे क्यों लगाए जाते हैं

जब लिफ्ट को मल्टी स्टोरी बिल्डिंग्स में लगाना शुरू किया गया तो उसमें अंदर की तरफ शीशा नहीं लगाया जाता था। 
 
लेकिन कई बार लिफ्ट के अंदर मौजूद लोगों ने शिकायत करी की लिफ्ट बहुत धीरे चलती है। 
 
यह शिकायत इंजीनियर्स को लगातार मिल रही थी लेकिन वो लिफ्ट की रफ्तार सुरक्षा की दृष्टि से बढ़ा नहीं रहे थे, क्योंकि अधिक रफ्तार से खतरा हो सकता था। 
 
लिफ्ट को बिल्डिंग के हिसाब से सुरक्षित स्पीड से ही चलाया जाता था। लेकिन लिफ्ट के धीमे चलने की शिकायत जब बंद नहीं हुई तो इंजीनियर्स ने एक कमाल का आईडिया निकाला। 
 
इंजीनियर्स ने लिफ्ट के अंदर की दीवारों पर शीशे लगा दिए और इसका कमाल का असर हुआ। लोगों ने लिफ्ट के धीमे चलने की शिकायत बंद कर दी। 
 
इसके पीछे एक मनोवैज्ञानिक कारण है, जब भी कोई व्यक्ति लिफ्ट में आता है तो शीशे में खुद को देखकर सहज महसूस करता है और उसका काफी समय खुद को देखने में ही निकल जाता है और उसे समय का पता नहीं चलता। 
 
लोग खुद की ड्रेस, बाल और चेहरे में इतने व्यस्त हो जाते हैं की उन्हें गति का ध्यान ही नहीं रहता। 
 
इस कमाल के आईडिया के कारण लोगों की लिफ्ट के धीमे चलने की शिकायत आनी बंद हो गई और पूरे विश्व में अब यही पैटर्न अपना लिया गया।लिफ्ट में मिरर होने से लिफ्ट बड़ी होने का एहसास ही होता है। 
 
आजकल कई लिफ्ट पारदर्शी भी होती हैं जिससे लिफ्ट के अंदर के व्यक्ति को बाहर की चीजें दिखाई देती रहती हैं और उसका ध्यान बंटा रहता है। 
 
हर बड़ी समस्या का एक सरल समाधान जरूर होता है बस आपको सही तरीके से सोचने की जरूरत है।
 
 

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