नार्मल और सिजेरियन डिलीवरी में क्या बेहतर है


 

आजकल 90% बच्चे सिजेरियन की सहायता से होते हैं और सिजेरियन की सफलता का प्रतिशत भी बहुत अधिक है। 

नॉर्मल डिलीवरी में स्त्री को बहुत दर्द सहना होता है और कई बार जननी की मौत भी हो जाती हैं फिर भी नॉर्मल डिलीवरी को लोग अच्छा क्यों मानते हैं?

चलिए समझते हैं की नॉर्मल और सिजेरियन डिलीवरी के क्या क्या हानि और लाभ है।

 

सिजेरियन डिलीवरी के फायदे और नुकसान


सिजेरियन डिलीवरी का सबसे बड़ा फायदा यह है की यह डिलीवरी लाइफ सेविंग है। 

जब डॉक्टर को लगता है की अब नॉर्मल डिलिवरी से मां या बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है तो डॉक्टर सिजेरियन का निर्णय लेता है। 

सिजेरियन के कारण ही लाखों महिलाओं की जान बच जाती है। लेकिन डॉक्टर्स ने इसको आजकल पैसा कमाने का साधन बना लिया है और वो नॉर्मल हो सकने वाली डिलीवरी भी सिजेरियन कर देती हैं ताकी उनको अधिक पैसा मिल सके। 

इसके लिए वो मरीज को इतना डरा देती हैं की मरीज को लगता है की सिजेरियन ही करवा लो। 


इसके अलावा सिजेरियन डिलीवरी में पेट में एक चीरा लगता है फिर उसके बाद नीचे के टिश्यू काटे जाते हैं फिर मांशपेशियां काटी जाती हैं और फिर बच्चेदानी से काटकर बच्चा निकाला जाता है। 

अब बच्चा निकलने के बाद बच्चेदानी को बंद करना पड़ता है फिर मांसपेशियों को सिलना पड़ता है फिर स्किन को सिलना पड़ता है। 

जिसके कारण हर समय इंफेक्शन होने की सम्भावना बनी रहती है। इसके अलावा जब भी हमारा शरीर इन कटी हुई जगह की हीलिंग करता है तो वह फाइब्रस कनेक्टिंग टिश्यू से हील होता है जिसके कारण उस जगह पर स्कार या निशान बन जाता है। 

यह निशान बाहर के साथ साथ पेट के अंदर जो मांशपेशी होती है उसमें भी बनता है। 

यही कारण है की सिजेरियन से दूसरा या तीसरा बच्चा होने पर कॉम्प्लिकेशंस बहुत बढ़ जाती है और हमेशा दूसरा या तीसरा सिजेरियन और भी जटिल हो जाता है। 

पहली बार मांशपेशियो और बच्चे दानी में टांके के कारण उनकी इलास्टिसिटी कम हो जाती है क्योंकि उनमें स्कार होता है और जब बच्चा होते समय बच्चेदानी और पेट की मांशपेशीयो को फैलना पड़ता है तो वो उस तरह से नहीं फैल पाती और बच्चे के डिलीवरी का प्रॉसेस बहुत जटिल हो जाता है। 


आपको कई दिनों तक हॉस्पिटल में रहना पड़ सकता है। कई बार इंफेक्शन हो जाते हैं और टांके पकने लगते हैं जो अलग ही दिक्कत पैदा कर देते हैं।

कई बार ऑपरेशन के बाद की दिक्कतें महीनों तक या जीवन भर रह सकती हैं और ऑपरेशन से पूरी रिकवरी होने में महीनों लग जाते हैं। 

कई महिलाओं को पेट दर्द की समस्या जीवन भर बनी रहती है। सिजेरियन में कई बार अधिक खून बहने के कारण खून की कमी हो जाती है या फिर खून चढ़ाना पड़ जाता है और खून ना मिलने की स्तिथि में महिला की मौत भी हो जाती है। 

कई बार ऑपरेशन के दौरान गलत अंग कटने से भी ब्लीडिंग और मौत का खतरा बढ जाता है। इसलिए ऑपरेशन हमेशा अनुभवी डॉक्टर से करवाना चाहिए। 


सिजेरियन होने से पेट की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और अगली डिलीवरी भी सिजेरियन से होने की सम्भावना बहुत बढ़ जाती है। 

इसके अलावा सिजेरियन से होने वाले जयादातार बच्चों को एनआईसीयू में रखना पड़ जाता है और उनको मां का पहला दूध नहीं मिल पता जिसके कारण उनकी इम्यूनिटी काफी कमजोर हो जाती है और वो बहुत जल्दी बीमार पड़ जाया करते हैं।

 

नॉर्मल डिलीवरी के फायदे और नुकसान


अब समझते हैं की नॉर्मल डिलीवरी के फायदे और नुकसान क्या क्या हैं। नॉर्मल डिलीवरी होने से महिला को काफी दर्द झेलना पड़ता है अगर मां मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत नहीं है तो मां को बहुत दिक्कत हो सकती है। 

नॉर्मल डिलीवरी में महिला का वजाइनआ और कमर का भाग बहुत फैल जाता है ताकि बच्चा निकल पाए जिसके कारण नॉर्मल डिलीवरी के बाद कई महिलाएं पेशाब नहीं रोक पातीं और कमर में जीवन भर दर्द बना रहता है।

 
नॉर्मल डिलीवरी में मां जल्द ही स्वस्थ हो जाती है और उसके पेट पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ता। 

नॉर्मल डिलीवरी में बच्चा काफी संघर्ष करके निकलता है और वजाइनआ के आस पास मौजूद जीवाणुओं के कारण उसमें रोगों के प्रति इम्यूनिटी बन जाती है। 

इसके अलावा नॉर्मल डिलीवरी से हुए बच्चों को एनआईसीयू में रखने की जरूरत नहीं पड़ती और बच्चे अधिकतर स्वस्थ होते हैं। इसके अलावा नॉर्मल डिलीवरी में खर्चा भी नही होता।

 

निष्कर्ष


अगर हम देखें तो नॉर्मल डिलीवरी ही सबसे अच्छी होती है मां और बच्चे के लिए लेकिन अगर डॉक्टर को लग रहा है की मां या बच्चे के जीवन को खतरा है तो सिजेरियन ही अच्छा ऑप्शन हैं। 

लेकिन डॉक्टर आजकल कोई भी रिस्क नहीं लेते इसलिए वो सिजेरियन कर देते हैं और महिला को कई बार जीवन पर्यन्त के लिए कई शारीरिक समस्या हो जाती है। 

इसलिए डिलीवरी के पहले अपने डॉक्टर से खुल कर बात करें क्योंकि उसके लिए आप सिर्फ एक केस हो लेकिन आपका शरीर आपको जीवन भर देखना है और कोई भी महिला खुद को अस्वस्थ नहीं झेलना चाहेगी। 


👇👇👇

क्या आपको भी रहती है लगातार थकान ,आप हो सकते हैं एड्रेनल फटीग के शिकार जानिए कैसे

👆👆👆

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *