रंगीला बादशाह के नाम से कौन जाना जाता है | मोहम्मद शाह को रंगीला क्यों कहा जाता है

भारत में शासन करने वाले मुगल राजाओं के बहुत सारे बदनाम किस्से प्रसिद्ध हैं। 
 
ऐसे मुगल शासकों ने भारत पर शासन किया है जिनको थोड़ी सी भी अक्ल नहीं थी और जिनके मूर्खतापूर्ण आदेश सुनकर किसी को भी हंसी आ जाए। 
 
आज हम एक ऐसे मुगल शासक के बारे में बात करेंगे जो अपने दरबार में नंगा ही चला जाता था और औरतों के कपड़े पहन कर घूमता था। 
 
आईए जानते हैं उस मुग़ल बादशाह के बारे में
 

रोशन अख्तर उर्फ मोहम्मद शाह उर्फ रंगीला बादशाह

जैसा की आपको नाम से ही लग रहा होगा की इसकी क्या हरकतें रहीं होंगी। यह औरंगजेब के परपोते थे और इनका जन्म सन् 1702 में हुआ था।
 
इनका असली नाम रोशन अख्तर था लेकिन जब यह 17 साल की उम्र में शासक बने तो शाही ईमाम ने इनको मोहम्मद शाह की उपाधि दी इसलिए इनको मोहम्मद शाह भी कहा जाता है। 
 
इनकी हरकतों के कारण इनका नाम रंगीला बादशाह रख दिया गया। 
 
औरंगजेब एक कट्टर मुसलमान था और उसने अपने शासन काल में संगीत और नाट्य पर प्रतिबंध लगा दिया था क्योंकि इस्लाम में संगीत हराम है। 
 
लेकिन औरंगजेब का परपोता मोहम्मद शाह ने इस्लाम के विरूद्ध जाकर संगीत, नाट्य और रंगीनियों में डूबना अधिक पसंद किया। 
 
रंगीला बादशाह अपने दरबार में रोज नृत्य, संगीत और कला की  महफिल सजाया करता था। 
 
यह दिन रात शराब के नशे में डूबा रहता था और उसे इतना भी ख़्याल नहीं रहता था की उसने कपड़े पहने हैं की नहीं, वह बिना कपड़ों के ही अपने दरबार चला जाया करता था। 
 
वह दरबार में मौजूद औरतों को भी बिना कपड़ों के रखता था। मोहम्मद शाह रंगीला औरतों की पोशाक पहनता था और इसी पोशाक को उसने दरबार का ड्रेस कोड घोषित कर रखा था।
 
अय्यायशी के चक्कर में उसने खजाने का पूरा धन लुटा दिया था।

1739 को ईरानी शासक नादिर शाह ने दिल्ली पर हमला करके कब्जा कर लिया और मोहम्मद शाह उर्फ रंगीला बादशाह से हुकूमत छीन ली। 
 
वह 56 दिन दिल्ली में रहा और फिर वापस जाते हुए उसने पूरा मुगल खजाना साफ कर दिया और मोहम्मद शाह के दरबार में नृत्य करने वाली नूर बाई की सहायता से रंगीला बादशाह से कोहिनूर हीरा ले कर ईरान चला गया। 
 
रंगीला बादशाह से कोहिनूर हीरा लेने की कहानी भी बड़ी
दिलचस्प है। 
 
नूर बाई ने नादिर शाह को बताया की जितना खजाना पूरे मुगल
साम्राज्य में नहीं होगा उससे अधिक तो रंगीला के पगड़ी में रखा कोहिनूर
हीरा है। 
 
नादिर शाह बहुत ही चालाक था और उसने रंगीला बादशाह से कहा की 
हमारे यहां रिवाज है की बादशाह अपनी पगड़ी बदलते हैं। 
 
यह सुनकर रंगीला
बादशाह हैरान रह गया और उसको नादिर शाह से अपनी पगड़ी बदलनी पड़ी। 
 
इस तरह
से उसके पगड़ी में रखा हुआ कोहिनूर हीरा भी उसके हाथ से निकल गया।
जाते वक्त उसने शासन रंगीला को वापस सौंप दिया। 

नादिर शाह ने उस समय जितनी दौलत लूटी थी उसका अगर आज के समय हिसाब लगाएं तो यह करीब 156 अरब डॉलर होगी यानी 10 लाख 50 हजार करोड़ रुपए। 
 
मोहम्मद शाह उर्फ रंगीला के समय में उर्दू शेर और शायरियां अपने चरम पर थीं और उसी समय से शायरी लोगों को पसंद आने लगी। 
 
शराब और अफीम की लत के कारण मात्र 46 साल की उम्र में ही मोहम्मद शाह उर्फ रंगीला बादशाह की मृत्यु हो गई।
 
रंगीला बादशाह के बाद आए शासक अहमद शाह के पास खजाने के नाम
पर कुछ भी नहीं बचा था और मुगल काल अपने गर्त में डूब गया। 
 
अहमद शाह को
मुगलों के सारे सामान बेचने पड़े।
उसके बाद मराठों ने मुगल साम्राज्य के ताबूत में आखिरी कील ठोंक दी और मुगल साम्राज्य को जड़ से उखाड़ फेंका।
 

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