टेस्ट क्रिकेट को ही असली क्रिकेट माना जाता है और खिलाड़ियों के दम खम की असली परीक्षा टेस्ट मैच में ही होती है।
टेस्ट क्रिकेट में बहुत सी रोचक घटनाएं हुईं हैं और बहुत से अनोखे रिकॉर्ड्स बने हैं।
आज हम बात करेंगे ऐसी ही एक घटना की जिसमें फील्डिंग करने वाली टीम को हेलमेट पहेन कर फील्डिंग करनी पड़ी थी।
आइए जानते हैं क्या हुआ था उस टेस्ट मैच में और क्या रोचक रिकॉर्ड्स बने थे उस टेस्ट मैच में।
भारत Vs पाकिस्तान टेस्ट
सन् 1987 में भारत और पकिस्तान के बीच अहमदाबाद में एक टेस्ट मैच खेला गया था।
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया और पहली पारी में 187.3 ओवर खेल कर 2.2 के रन रेट से सिर्फ 395 रन बनाए।
पहली पारी तीसरे दिन तक चली और पाकिस्तानी इतना धीमा खेल रहे थे की दर्शक यह खेल देखकर परेशान हो गए और उन्होंने बवाल करना शुरू कर दिया।
दर्शकों ने खिलाड़ियों को बोतल और जो भी सामान था आसपास वो उठा कर फील्डिंग कर रहे खिलाडियों को मारने लगे।
दर्शकों की उग्रता को देखते हुए मैच को वहीं रोकना पड़ा और फिर कपिल देव और सुनील गावस्कर ने मैदान में आकर दर्शकों को समझाया।
मैच फिर शुरू हुआ और जब भारत बैटिंग कर रहा था तो पाकिस्तान के कप्तान ने अपने प्लेयर्स को हेलमेट पहन कर फिल्डिंग करवाया क्योंकि भारतीय दर्शकों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ था और वो बीच बीच में बोतलें फेंक रहे थे।
हालांकि भारतीय टीम भी बहुत धीमा खेली और 111.5 ओवर्स में 323 रन बनाएं। जिसमें दिलीप वेंगसरकर ने 109 रन बनाए वो भी 295 गेंद खेलकर।
वो तो भला हो कपिल देव का जिन्होंने ताबड़तोड़ बैटिंग करते हुए शानदार 50 रन बनाए अन्यथा उस पारी में भी बोतलें पड़ने वाली थीं।
भारत की पारी के बाद जब पाकिस्तान की दूसरी पारी शुरू हुई तो पाकिस्तान ने पहली पारी से भी बुरा और धीमा खेल दिखाया।
पाकिस्तान ने 99 ओवर्स में 1.36 के औसत से सिर्फ 135/2 रन बनाए और इस तरह यह उबाऊ मैच ड्रॉ हो गया।
पाकिस्तान की दूसरी पारी में दर्शकों ने पाकिस्तान के बल्लेबाजों की खूब हूटिंग की लेकिन पाकिस्तानियों ने अपनी धीमी बल्लेबाजी जारी रखी।
यह मैच सबसे उबाऊ टेस्ट मैच में से एक माना जाता है। इसी टेस्ट मैच में सुनील गावस्कर ने अपने 10,000 रन पूरे किए और वो ऐसा 10,000 रन बनाने वाले पहले टेस्ट बल्लेबाज बने।
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