कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में कोहराम मचा के रख दिया है इसके कारण पूरे देश में ऑक्सीजन (oxygen concentrator in hindi) की कमी हो गई है. हजारों लोगों की जान ऑक्सीजन की कमी से गई है.
ऑक्सीजन सिलेंडर आसानी से उपलब्ध नहीं है और हर जगह ऑक्सीजन सिलेंडर की शॉर्टेज चल रही है.
ऑक्सीजन प्लांट्स के बाहर सिलिंडर रीफिल कराने के लिए पहुंचे लोगों की कतारें देखी जा सकती हैं.
मरीज की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन के कई विकल्प तैयार किए जा रहे हैं जिसमें से एक है ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ( Oxygen Generator Machine ).
ऑक्सीजन के सबसे आसान विकल्प के तौर पर उपलब्ध होने के कारण ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ( O2 Concentrator ) की बहुत ही ज्यादा मांग बढ़ रही है
तो आज हम जानेंगे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर क्या होते हैं उनकी कब आवश्यकता होती है और उनका उपयोग कैसे किया जाता है(ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के फायदे और यह कैसे काम करता है)?
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ऐसे मरीजों के लिए उपयोग होता है जिनका ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 80 से 95 के बीच होता है लेकिन गंभीर स्थिति वाले करोना के मरीजों के लिए या कारगर नहीं है
जिन मरीजों को आईसीयू में भर्ती करने की आवश्यकता है उनका काम इससे नहीं चल सकता है हालांकि जब तक मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर के जरिए पर्याप्त ऑक्सीजन देने की व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मरीज की जान बचा सकता है.
1 मिनट में कितनी ऑक्सीजन दे सकता है Oxygen Machine
हवा में 21% ऑक्सीजन, 78% नाइट्रोजन और 1% में बाक़ी दूसरी गैस होती हैं. एक
ऑक्सीजन कन्संट्रेटर इस हवा में से ऑक्सीजन को फ़िल्टर करके निकालता है.
आपको ऑक्सीजन सिलिंडर की तरह बार-बार इसे भराना नहीं पड़ता. ये खुद से एक
तरफ़ ऑक्सीजन बनाता रहता है और दूसरी तरफ़ मरीज़ तक पहुंचाता रहता है.
ऑक्सीजन कन्संट्रेटर इस हवा में से ऑक्सीजन को फ़िल्टर करके निकालता है.
आपको ऑक्सीजन सिलिंडर की तरह बार-बार इसे भराना नहीं पड़ता. ये खुद से एक
तरफ़ ऑक्सीजन बनाता रहता है और दूसरी तरफ़ मरीज़ तक पहुंचाता रहता है.
हर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ( Oxygen Machine ) की क्षमता अलग-अलग होती है एक छोटे पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 1 मिनट में 1 या 2 लीटर ऑक्सीजन उपलब्ध करा सकता है जबकि बड़े कंसंट्रेटेड जो 5 या 10 लीटर के होते हैं वह 5 या 10 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन सप्लाई की क्षमता रखते हैं.
इन से मिलने वाली ऑक्सीजन 95% तक शुद्ध होती है लेकिन अगर हम अधिकतम रेट से सप्लाई करेंगे तो ऑक्सीजन की शुद्धता में कुछ कमी आ सकती है ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में ऑक्सीजन सप्लाई को नियमित करने के लिए प्रेशर वाल्व लगे होते हैं इनकी डिजाइन इस तरह होती है कि यह लंबे समय तक ऑक्सीजन की सप्लाई दे सकें
हर कोविड मरीज़ के लिए ऑक्सीजन कन्संट्रेटर इस्तेमाल क्यों नहीं हो रहे?
ऑक्सीजन कन्संट्रेटर ज़्यादा से ज़्यादा 8 लीटर प्रति मिनट (LPM) ही ऑक्सीजन दे सकता है. कन्संट्रेटर का इस्तेमाल सिर्फ़ उन कोविड मरीज़ के लिए ही किया जा सकता है जिनका ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 80% या उससे ज़्यादा हो और उन्हें बस 4-5 LPM ऑक्सीजन की ही ज़रूरत पड़ती हो.
आम तौर पर हमारे खून में मौजूद ऑक्सीजन का पर्सेन्ट 98% के आस पास होता है. कोविड पॉज़िटिव मरीज़ के लंग्स में इंफेक्शन होने पर खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. ऑक्सीजन लेवल 94 से कम आने पर ऑक्सीजन सपोर्ट की ज़रूरत पड़ सकती है.
खून में मौजूद ऑक्सीजन को पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से नापा जाता है. ये एक छोटा सा डिवाइस होता है जिसमें आपको अपनी उंगली रखनी होती है. जिन मरीज़ को ICU में भेजा जाता है उन्हें 10-15 LPM ऑक्सीजन की ज़रूरत पड़ती है जो ऑक्सीजन सिलिंडर से ही पूरी हो सकती है, कन्संट्रेटर से नहीं.
ऑक्सीजन सिलिंडर ( Oxygen Machine For Home ) में हम ऑक्सीजन सप्लाई को ज़रूरत के हिसाब कंट्रोल कर सकते हैं. इसे हम 8, 10, 15 या 20 लीटर प्रति मिनट (LPM) पर भी सेट कर सकते हैं. 95% कोविड मरीज़ ऐसे हैं जिनको सिर्फ 3-4 LPM ऑक्सीजन की ज़रूरत पड़ती है.
हालत खराब होने पर ही ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ानी पड़ती है. जिन मरीज़ की हालत बेहतर हो जाती है उन्हें अस्पताल की जगह घर पर आईसोलेशन के लिए बोला जाता है. हम इन्हें ये रिकमेंड करते हैं कि वो सिलिंडर की जगह पर कन्संट्रेटर खरीद कर इस्तेमाल करें.
कन्संट्रेटर की क़ीमत क्या है Oxygen Machine Price
अब से करीब 4-6 महीने पहले ऑक्सीजन कन्संट्रेटर ( Oxygen Concentrator Price ) की क़ीमत 35,000 रुपए से 45,000 रुपए के बीच में हुआ करती थी. मगर अभी के टाइम पर सबने अपने दाम बढ़ा दिए हैं.
ऑक्सीजन कैन ( Portable Oxygen ) अलग-अलग साइज़ में आते हैं. किसी में 6 लीटर ऑक्सीजन होती है, किसी में 8 लीटर, किसी में 10 लीटर तो किसी में 12 लीटर. इनका इस्तेमाल ऑक्सीजन की हल्की-फुल्की कमी के टाइम किया जाता है.
जैसे पहाड़ की चढ़ाई करते हुए, चक्कर वग़ैरह आने पर, लंबे हवाई सफ़र में, बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़ या खेल कूद करने के बाद. खून में अचानक से हुई ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए ये कैन काम आते हैं.
कोरोना मरीज़ को काफ़ी ज़्यादा ऑक्सीजन की ज़रूरत पड़ती है. ये कैन ज़रा सी देर भी नहीं टिक पाते हैं. मगर आदमी इतना डरा हुआ है कि उसे जिस तरह से भी ऑक्सीजन मिल रही है वो खरीदे ले रहा है.
यानी कोरोना के इलाज में ऑक्सीजन कैन किसी काम का नहीं है. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ( Portable Oxygen Machine ) का इस्तेमाल केवल उन मरीज़ों पर किया जा सकता है कि जिनका सैचुरेशन लेवल 80 के ऊपर हो. गंभीर मामलों में ऑक्सीजन सिलिंडर से ही मरीज की जान बचाई जा सकती है.
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