Guru Kharab Hone Ke Lakshan – गुरु हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है और कुण्डली में इसका शुभ या अशुभ होना जातक पर बहुत गहरा प्रभाव डालता है।
बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है और कुण्डली में गुरू धर्म, अध्यात्म, शिक्षा, यात्रा, भाग्य और मोक्ष का कारक होता है।
गुरु को ज्ञान का ग्रह माना गया है और गुरु यदि कर्क राशि में हो तो उच्च का माना जाता है और मकर राशि में हों तो नीच के माने जाते हैं।
गुरु शुभ होने पर जातक जीवन में बहुत सफलता प्राप्त करता है और एक प्रतिष्ठित जीवन व्यतीत करता है। वहीं गुरु खराब होने पर जीवन में असफलता, अपमान, कर्ज और निराशा दिलाता है।
आईए जानते हैं की गुरु खराब होने के लक्षण क्या हैं
गुरु खराब होने के लक्षण आपको अपने जीवन में आ रहीं व्याधियों से पता चल जायेगी। गुरु खराब होने पर निम्न समस्याएं आपके जीवन में आयेंगी
1) इंसान काल्पनिक दुनिया में खोया रहेगा और उसी को सत्य मान लेगा। ऐसे लोग नशे में डूबे रहते हैं।
2) स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है और शिक्षा प्राप्त करने में बाधा आती है।
3) सही और गलत को समझने की शक्ति समाप्त हो जाती है। इन्सान गलत को सही समझ लेता है।
4) जीवन में अच्छे मित्र और अच्छे ज्ञानदर्शक नहीं मिलते। अगर कोई अच्छा गुरु मिल भी गया तो भी आप उससे अपने रिश्ते खराब कर लेंगे।
5) व्यक्ती में चारित्रिक पतन आने लगता है और वह भोग विलास में डूबा रहता है चाहे उसके पास कोई भी साधन ना हों।
6) गुरु खराब होने पर व्यक्ति को बहुत घमंड हो जाता है और वह बात बात पर लोगों का अपमान करने लगता है।
7) गुरु खराब होने पर व्यक्ती का पेट अक्सर खराब रहेगा और उसे पेट संबंधी बीमारी हमेशा लगी रहेगी।
8) गुरु खराब होने पर व्यक्ती नास्तिक बन जाता है और वह ईश्वर में विश्वास नहीं करता। ऐसा व्यक्ती गलत तरीकों से पैसे कमाने में लग जाता है।
9) गुरु खराब होने पर व्यक्ति दूसरों का शोषण करके धन अर्जित कर लेता है। उसको दूसरे की स्थिति से कोई मतलब नहीं होता की सामने वाला गरीब है या असहाय उसको बस किसी तरह पैसे कमाने से मतलब होता है।
10) जिस व्यक्ती का गुरु खराब होता है उसका अपने पिता से मनमुटाव होने लगता है और वह अपने पिता का सम्मान नहीं करता।
11) गुरु खराब होने पर व्यक्ती की झूठ बोलने की आदत हो जाती है और वह बिना किसी कारण के झूठ बोलने लगता है।
गुरु ग्रह को कैसे मजबूत बनाएं
जिस व्यक्ती का गुरु शुभ होता है उसका चेहरा चमकता रहता है और चेहरे पर कांति रहती है। ऐसे व्यक्ती का स्वभाव बहुत विनम्र होता है और वह व्यक्ती मृदुभाषी होता है।
आईए जानते हैं की गुरु को मजबूत और खुश कैसे करें
1) अगर आप नित्य अपने माता पिता का चरण स्पर्श करते हैं और उनका सम्मान करते हैं तो आपका गुरू कभी खराब नहीं हो सकता।
2) सत्य बोलने से गुरू मजबूत होता है और आपको शुभ प्रभाव देता है।
3) रोज पीपल में जल देना से गुरू मजबूत होता है।
4) प्रत्येक गुरुवार को पीला वस्त्र अवश्य धारण करें।
5) नाभि पर केसर का लेप लगाएं इससे भी गुरू मजबूत होता है।
6) पुखराज धारण करें, हालांकि पुखराज महंगा आता है इसलिए आप इसकी जगह गुरुवार के दिन पीली वस्तु का दान करें।
7) नहाने के पानी में हल्दी डालकर स्नान करें यह भी गुरू को खुश करने का एक उत्तम उपाय है।
आप ऊपर दिए गए कोई भी उपाय कर सकते हैं और जल्द ही आपको इनका परिणाम दिखाई देना शुरू हो जाएगा।
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