ताश के 52 पत्ते ही क्यों होते हैं | किस राष्ट्र में ताश का आविष्कार हुआ

ताश का खेल बहुत ही पुराना है, समय काटने और मनोरंजन के लिए यह खेल सदियों से खेला जा रहा है। 
 
ताश के खेल की शुरुआत चीन में 9वीं शताब्दी में हुई जब चीन के राजा येजोंग की बेटी तोंगचांग ने अपना समय काटने के लिए पेड़ के पत्तों से ताशनुमा खेल खेला करती थी। 
 
आगे चलकर यह खेल परिवर्तित होकर कागज के पत्तों में होने लगा।

ताश की एक गड्डी में 52 पत्ते होते हैं इसका भी एक कारण होता है। एक साल में 52 हफ्ते होते हैं और हर एक कार्ड हर एक हफ्ते को दर्शाता है।

जिस तरह चार मौसम होते हैं उसी तरह ताश के पत्तों की अवधारणा में चार सुइट होते हैं जिन्हें हम चिड़ी, ईंट, पान और हुकुम के नाम से जानते हैं।

आइए अब आते हैं ताश के चारों बादशाह पर, क्या आपको पता है की ताश के चारों बादशाह विश्व इतिहास के सबसे प्रसिद्ध बादशाहों के नाम पर रखे गए हैं। 

हुकुम (Spades) का बादशाह इजरायल के प्रसिद्ध सम्राट डेविड को प्रदर्शित करता है।
 
ईंट (Diamond) का बादशाह रोम के सम्राट जूलियस सीजर को प्रदर्शित करता है।
 
चिड़ी (Clubs) का बादशाह मेसेडोनिया का अलेक्जेंडर द ग्रेट (सिकंदर) को दर्शाता है। 
 
पान (King of Hearts) का बादशाह फ्रांस के सम्राट शार्लमेन को दर्शाता है।
 
पहले कार्ड्स में पान के बादशाह की भी मूंछे हुआ करती थी लेकिन एक बार गलत प्रिंट हो जानें के कारण इनकी मूंछ गायब हो गई थी और तभी से इसका प्रिंट बिना मूंछ के हो गया। 
 
इसको हम सुसाइड किंग भी कहते हैं क्योंकि यह सर के पीछे से तलवार या कुल्हाड़ी से वार कर रहा है।

किंग ऑफ हार्ट यानी की पान के राजा जो की शार्लमेन थे वो दिखने में काफी सुंदर थे और उन्होनें अपनी मूंछ भी साफ करवा दी थी। 
 
शायद इसी कारण जब प्रिंटिंग में गलती हुई तो उसे सुधारा नहीं गया।
 
 
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