जब भी हम किसी नागा साधु को देखते हैं तो हमारे मन में बहुत से प्रश्न आते हैं जैसे नागा बाबा नंगे क्यों रहते हैं,
नागा महाराज कैसे बनते है, नागा जनजाति क्या है, नागा साधू की ट्रेनिंग कैसे होती है इत्यादि।
तो आज हम आपको इन्ही सब प्रश्न के उत्तर विस्तृत ढंग से देगें।
नागा साधु नग्न रहने और युद्ध कला में पारंगत होने के लिए प्रसिद्ध होते है।
ये अखाड़ों में रहते है जिसकी स्थापना शंकराचार्य जी द्वारा की गई थी।
ये अपने जीवन में बहुत ही कठोर अनुशासन का पालन करते हैं।
नागा साधुओं का जन्म भारतीय मंदिरो और मठों को विदेशी आक्रमणकारियों से रक्षा के लिए किया गया था।
जब अहमद शाह अब्दाली ने गोकुल पर आक्रमण किया था तब 40,000 नागा साधुओं ने अब्दाली की सेना से युद्ध करके उसे पराजित किया था।
आइए जानते हैं नागा साधु बनने की कठोर प्रक्रिया के बारे में।
नागा साधु का इतिहास – Naga Sadhu Ka Itihaas
जब अब्दाली दिल्ली और मथुरा में मारकाट करता गोकुल तक आ गया और लोगों को बर्बरतापूर्वक काटता जा रहा था।
महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहे थे और बच्चे देश के बाहर बेचे जा रहे थे, तब गोकुल में अहमदशाह अब्दाली का सामना नागा साधुओं से हो गया।
कुछ 5 हजार चिमटाधारी साधु तत्काल सेना में तब्दील होकर लाखों की हबसी, जाहिल जेहादी सेना से भिड गए।
पहले तो अब्दाली साधुओं को मजाक में ले रहा था किन्तु कुछ देर में ही अपने सैनिकों के चिथड़े उड़ते देख अब्दाली को एहसास हो गया कि ये साधू तो अपनी धरती की अस्मिता के लिए साक्षात महाकाल बन रण में उतर गए।
तोप तलवारों के सम्मुख चिमटा त्रिशूल लेकर पहाड़ बनकर खड़े 2000 नागा साधू इस भीषण संग्राम में वीरगति को प्राप्त हो गए लेकिन सबसे बड़ी बात ये रही कि दुश्मनों की सेना चार कदम भी आगे नहीं बढ़ा पाई जो जहाँ था वहीं ढेर कर दिया गया या फिर पीछे हटकर भाग गया।
इसके बाद से ऐसा आतंक उठा कि अगर किसी मुस्लिम आक्रांता को यह पता चलता कि युद्ध में नागा साधू भाग ले रहे हैं तो वह लड़ता ही नहीं था।
नागा साधु कैसे बनते हैं – Naga Sadhu Kaise Bante Hai
नागा साधु और अघोरी बाबा में अंतर – Naga Sadhu And Aghori
मेले में ही देखा जाता है।
अघोरी बाबा एक ही होते हैं।
बहुत अन्तर होता है।
अंतर होता है। ये कहां रहते हैं, क्या खाते हैं, कैसी तपस्या करते हैं?
नागा साधु और अघोरी बाबा देखने में तो लगभग एक जैसे ही दिखते है लेकिन इनके
पूजा करने के तरीके, पहनावे, साधना करने के तरीके और बनने की प्रक्रिया
में बहुत अंतर होता है।
नागा साधु बनने में करीब करीब 12 साल लग जाते हैं और इनको कठिन से कठिन
परीक्षा से गुजरना पड़ता है। नागा साधु अखाड़े में रहते है।
जबकि अघोरी
बनने में शमशान में तपस्या करनी पड़ती है और कई साल श्मशान में गुजारने पड़
जाते हैं।
नागा साधु बनने के लिए किसी को गुरु बनाना पड़ता है और
अखाड़े में उसी के सानिध्य में नागा साधु बनने की प्रक्रिया पूरी होती है।
अघोरी को किसी गुरु की जरूरत नहीं होती क्युकी अघोरी के गुरु स्वयं शिव जी
होते हैं।
अघोरिओ को शिव जी का पांचवां अवतार माना जाता है और वे श्मशान
में मुर्दे के पास बैठ कर तपस्या करते हैं।
ऐसा माना जाता है की अघोरियों
को दैवीय शक्ति वहीं से प्राप्त हैं।
नागा
साधु मांसाहारी और शाकाहारी दोनों होते हैं जबकि अघोरी बाबा मांसाहारी
होते है।
अघोरी जानवरो के मांस के साथ साथ मुर्दों के मांस को भी खाते है।
ऐसा माना जाता है की अघोरी कलयुग में शिव का अवतार होते हैं।
नागा साधु कपड़ों के बिना रहते हैं जबकि अघोरी बाबा नीचे की तरफ जानवरों की खाल पहनते है।
नागा
साधु अक्सर कुंभ मेले में ही दिखाई देते हैं और मेले के बाद वो हिमालय या
अखाड़े में चले जाते हैं।
जबकि अघोरी बाबा अक्सर शमशान के पास दिखाई देते
हैं।
ये शमशान में श्मशान
साधना, शिव साधना और शव साधना करते हैं।
ऐसा माना जाता है की अगर आप नागा
साधु के बाद अघोरी बाबा के दर्शन करते हैं तो ये एक तरह से शिव जी के दर्शन
के बराबर होता है।
नागा साधु मनुष्यों को भगवान की कृपा के बारे में बताते हैं जबकि अघोरी तांत्रिक क्रियाओं द्वारा परेशानी से निजात दिलाते हैं।
अब
तो आप समझ ही गए होगें की नागा साधु या अघोरी बाबा बनने में कितनी कठिन
प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
और ये दोनो अपना पूरा जीवन हिंदू धर्म की
सेवा में लगा देते हैं।
तो अगली बार जब भी आपको ये दिखें तो डरने की बजाय
इनके द्धारा चुने गए जीवन की सराहना करें।
सनातन धर्म का यही अलग अलग रूप
ही हमको दुनिया में सबसे अलग और विस्मर्यणी बनाता है।
Very useful information about naga sadhus for our society.