पृथ्वी पर आए दिन कोई ना कोई नई महामारी फैला करती है और उसके कारण लाखों लोग काल कवलित हो जाते हैं।
आज हम ऐसी बीमारी के बारे में बात करेंगे जिसके कारण पूरे विश्व में सबसे ज्यादा मौतें होती थीं और होती हैं।
पृथ्वी की जनसंख्या लगभग 8 अरब है। एक अनुमान के मुताबिक अभी तक पृथ्वी पर 110 अरब से ज्यादा लोग रह चुके हैं और इनमें से 50 अरब लोगों की मौत का कारण सिर्फ एक बीमारी है।
पूरे विश्व में प्रति वर्ष लगभग 30 लाख मौतें यानि की हर 30 सेकंड में एक मौत इसी बीमारी के कारण होती है। यह बीमारी इतनी पुरानी है की चिम्पांजी तक इससे प्रभावित रह चुके हैं।
क्या है ये बीमारी
अभी तक आप सोच में पड़ गए होगें की कौन सी बीमारी है ये। अगर आप एचआईवी (HIV) सोच रहें हैं तो आप गलत हैं। एचआईवी से अभी तक सिर्फ 3 करोड़ लोग ही मरे हैं।
अगर आपके दिमाग में कोलेरा (Cholera) है तो भी आप गलत हैं। Cholera से अब तक सिर्फ 4.5 करोड़ मौतें ही हुई हैं।
सन् 1918 में बर्ड फ्लू के कारण एक साल में ही 5 करोड़ मौतें हो गईं थीं और अभी तक 10 करोड़ मौतें हुई हैं।
प्लेग ने सिर्फ चार साल में यूरोप की जनसंख्या आधी कर दी (1346 से 1350) तक में और अब तक पूरी दुनियां में प्लेग से 25 करोड़ मौतें हुईं हैं।
स्मॉल पॉक्स यानि की चेचक से 50 करोड़ से भी ज्यादा लोग मारे गए थे लेकिन अब ये बीमारी खत्म हो चुकी है।
टीबी यानि की ट्यूबरक्लोसिस से अब तक दुनियां भर में 1 अरब से ज्यादा मौतें हो चुकीं हैं। सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती है टीबी की वजह से।
अब तक मैंने आपको जो भी नाम बताए उन सबसे भी ज्यादा मौतें एक बीमारी से हुई है। यह बीमारी एक मच्छर के कारण फैलती है।
जी हां सही समझा आपने “मलेरिया” अब तक दुनियां में 50 अरब से ज्यादा मौतें मलेरिया के कारण हुई हैं।
यह बीमारी 50,000 वर्षों से पूरी दुनियां को प्रभावित कर रही है। जब से हमारे विश्व का इतिहास लिखा जा रहा है मलेरिया तब से भी पुराना है।
चीन में 2700 ईसा पूर्व में मलेरिया का वर्णन मिला है। मलेरिया शब्द की उत्पत्ति इटेलियन भाषा से हुई है जिसका मतलब होता है “बुरी हवा” वहीं अंग्रेज इसे “दलदली बुखार” कहते थे।
मलेरिया एक प्रोटोजोआ परजीवी प्लास्मोडियम के कारण फैलता है इसके कई वैरिएंट होते हैं लेकिन सबसे खतरनाक पी. फैलेसीपेरेम होता है।
मलेरिया सिर्फ मादा परजीवी से ही फैलता है। मलेरिया भूमध्य रेखा के दोनों ओर के देशों में अधिक फैलता है, ज्यादातर गर्म देश।
मलेरिया की दवा होने के बावजूद इससे मरने वालों की संख्या लाखों में है और अब तो डेंगू भी मलेरिया का साथ देने लगा है।
कोरोना वायरस से भी इतनी मौतें नही हुई जितनी मलेरिया ने अकेले तबाही मचाई है। एक समय मलेरिया की वजह से पूरे के पूरे गांव साफ हो जाते थे।
मलेरिया से बचने के लिए अपने आस पास पानी ना जमा होने दें और मच्छर प्रतिरोधी या मच्छर दानी का उपयोग अवश्य करें। बुखार आने पर प्लेटलेट्स की जांच अवश्य करवाएं।
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