भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे रोमांचक पारी किसकी थी?

 

भारतीय क्रिकेट इतिहास में बहुत सी रोमांचक और सनसनीखेज पारियां हुई है। जैसे लक्ष्मण और द्रविड़ की ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध कोलकाता में खेली गई पारी, कपिल देव की जिम्बावे के विरुद्ध 175 रनों की नाबाद पारी, युवराज सिंह की छह छक्के वाली पारी, रोहित शर्मा की 264 रनों की विस्मित कर देने वाली पारी, वर्ल्ड कप में धोनी और गंभीर की पारी, सहवाग की चेन्नई में इंग्लैंड में खेली गई 82 रनों की छोटी किन्तु मैच विनिंग पारी, सचिन की पाकिस्तान के विरुद्ध 2003 वर्ल्ड कप में खेली गई पारी या सचिन की ही 200 रनों की पारी। ऐसी बहुत सी पारी खेली गई है और अगर इन सब में चुनने को बोला जाए तो बहुत मुश्किल होगा की कौन सी पारी भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे रोमांचक पारी थी?

 

भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे रोमांचक पारी 

यहां मैं एक ऐसी पारी का जिक्र करना चाहूंगा जिस पारी ने रोमांच को एक अलग ही स्तर पर पहुंचा दिया और भारत को उस दिन एक बहुत बड़े अपमान से बचा लिया।और वो मैच था नीदहास ट्रॉफी का फाइनल मैच जो मार्च 2018 में भारत और बांग्लादेश के बीच हुआ था। 
 
ये मैच इसलिए भी इज्जत का प्रश्न था क्युकी इस मैच के पहले बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने बहुत ही अनुचित और अशोभिनय व्यवहार किया था। इस फाइनल के ठीक एक मैच पहले जो की श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच था उस मैच में बांग्लादेश ने श्रीलंका को हरा दिया। 
 
श्रीलंका को हराने के बाद बांग्लादेशी खिलाड़ियों ने बहुत ही अपमानित और अशोभनीय तरीके से पूरे मैदान में कपड़े उतार कर नागिन डांस किया था। उन्होंने श्रीलंका के होम ग्राउंड पर इस भद्र जनों के खेल की जमकर धज्जियां उड़ाई थीं।
 
अगले मैच में कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। बांग्लादेश की टीम ने पूरे 20 ओवर में आठ विकेट के नुकसान पर 166 रन बनाए थे। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही और भारत ने 2 विकेट बहुत ही जल्दी गिरा दिए। 
 
ऐसे में रोहित शर्मा और राहुल ने भारत को संभाला। रोहित 56 रन बनाकर आउट हुए और राहुल 24 रन। उसके बाद मनीष पांडेय भी जल्दी आउट हो गए। दिनेश कार्तिक जब खेलने आए तो भारत को 12 गेंदों में 34 रन बनाने थे। और दिनेश कार्तिक के साथ थे विजय शंकर जो की बल्ले से गेंद को कनैक्ट ही नही कर पा रहे थे।
 
विजय शंकर बड़े शॉट लगाने की कोशिश कर रहा था लेकिन उसके बल्ले से गेंद का संपर्क नहीं हो पा रहा था। स्टेडियम पर बैठा हर दर्शक और टीवी के सामने चिपके हुए सारे दर्शक विजय शंकर को बुरी तरह कोस रहे थे। जब कार्तिक को स्ट्राइक मिली तो उन्होंने पहेली तीन गेंदों पर छक्का, चौका और छक्का लगा दिया। इस ओवर की आखिरी गेंद पर भी कार्तिक ने चौका लगा दिया और कुल 22 रन बनाए।
अब आखिरी ओवर में भारत को जीत के लिए 12 रन चाहिए थे और स्ट्राइक थी विजय शंकर के पास। 
पहेली गेंद वाइड रही 
अगला बाल पर कोई रन नहीं बना
भारत को पांच गेंद में 11 रन चाहिए थे।
दूसरी गेंद पर विजय शंकर ने एक रन लिया और अब भारत को चार गेंदों में 10 रन बनाने थे।
तीसरी गेंद पर दिनेश कार्तिक ने एक रन लिया और अब भारत को तीन गेंद में नौ रन बनाने थे।
चौथी गेंद पर विजय शंकर ने गलती से चौका लगा दिया।
पांचवी गेंद को विजय शंकर ने हवा में उछाल दिया और वो आउट हो गए।
और अब सामना करने के लिए दिनेश कार्तिक तैयार थे।
 
भारत को आखिरी गेंद पर जीत के लिए पांच रन चाहिए थे। अगर भारत ये रन ना बना पाता तो बांग्लादेश की पूरी टीम नागिन डांस और भारतीय टीम के अपमान को तैयार बैठी थी। और हर दर्शक के मन में हार से जायदा ये सवाल घूम रहा था की अगर हार गए तो बांग्लादेश की टीम आज भारत का बहुत अपमान करेगी। बांग्लादेशियो ने अपनी शर्मनाक हरकत श्रीलंका के खिलाफ पिछले मैच में दिखा दिया था। हर भारतीय दर्शक के मन में वही चीज घूम रही थी। 
 
सौम्य सरकार ने ऑफ साइड की तरफ गेंद फेकी और दिनेश कार्तिक ने उसे कवर बाउंड्री की तरफ से छक्के के लिए मैदान से बाहर भेज दिया। पूरा भारत और श्रीलंका खुशी से झूम उठा। भारत से ज्यादा श्रीलंका के दर्शक खुश थे। और श्रीलंका के दर्शकों ने नागिन डांस करके बांग्लादेशियों को खूब चिढ़ाया और अपने पिछले मैच के अपमान पर मरहम लगाया। दिनेश कार्तिक उस दिन पूरे भारत और श्रीलंका के हीरो बन चुके थे। ये पारी किसी स्वप्न सरीखी सी थी।

इस मैच की सबसे अच्छी बात ये थी कि मैच खत्म होने के बाद भारतीय टीम ने श्रीलंका का राष्ट्रीय ध्वज उठा कर पूरे मैदान के चक्कर लगाए और पूरी दुनिया को ये बताया कि भारतीय टीम के संस्कार क्या है और क्यों क्रिकेट को भद्र जनों का खेल कहा जाता है।

आज भी ये मैच हर दर्शक के रौंगटे खड़े कर देता है।
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