राम मंदिर का भूमि पूजन एक ऐसा कार्यक्रम था जिसकी प्रतीक्षा हर हिन्दू सैकड़ों सालों से करता आ रहा था।
हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी, भाजपा, आरएसएस और रामभक्तो के अथक प्रयासों के बाद ये बहुप्रतीक्षित अवसर मिला।
भूमि पूजन करवाने का जिम्मा वेदाचार्य श्री गंगाधर पाठक जी पर था।
श्री गंगाधर पाठक जी बहुत ही उत्साहित थे और इतने सारे गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में उनको श्री राम जन्म भूमि के पूजन का सौभाग्य मिला।
श्री गंगाधर जी ने पूरा कार्यक्रम संस्कृत भाषा में किया और साथ साथ में उसका हिंदी अनुवाद भी किया।
जब पंडित जी ने मोदी जी से मांगी दक्षिणा
पूजन खत्म होने पर जब दक्षिणा का समय आया तो श्री गंगाधर जी ने कहा की ” किसी भी यज्ञ की पत्नी का नाम दक्षिणा होता है और यज्ञ रूपी पुरुष और दक्षिणा रूपी पत्नी के संयोग से जो संतान उत्पन्न होती है उसे फल कहते हैं।”
श्री गंगाधर जी ने आगे कहा की आप जैसा जजमान होना किसी दक्षिणा से कम नहीं है लेकिन भारतवर्ष में सनातनधर्मियो के लिए बहुत सारी समस्याएं हैं।
श्री गंगाधर जी ने मोदी जी से कहा की ” भारत में गो वंश हत्या रुकनी चाहिए और काशी और मथुरा का झगड़ा समाप्त होना चाहिए” हालांकि ये बात पंडित जी ने घुमा कर कही
क्युकी ये बात सीधे बोलने से विरोधियों को एक नया मुद्दा मिल जायेगा और वो इस शुभ अवसर पर ऐसा कोई विवाद नहीं चाहते थे इसलिए पंडित जी ने ये बात घुमा कर कही।
पंडित जी ने कहा की ” गोमाता के रक्त की एक बूंद भी धरती पर गिरती है तो वह भूमि कलंकित होती है।
इसलिए गौ हत्या पर रोक लगाई जाए और माथुर श्री कृष्ण जी की जन्म भूमि है यह श्री कृष्ण जी के भक्तो को मिले और काशी शिव भक्तों को मिले।”
यह सुनकर मोदी जी मुस्कुराए और हल्के से सर हिला कर अपनी मौन स्वीकृति दी।
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जरूर पाकिस्तान मांगा होगा.
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