मोबाइल रेडिएशन कितना होना चाहिए और मोबाइल की रेडिएशन कैसे पता करें

 


हम हमेशा अपने स्वास्थ को लेकर सतर्क रहते हैं और हर उस चीज से दूर रहते हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती है। 

लेकिन एक ऐसी चीज है जो हमेशा हमारे साथ होती है सोते वक्त, जागते वक्त, खेलते वक्त, खाते वक्त और यहां तक की बाथरूम में भी। 

जी हां आपने बिलकुल सही समझा मोबाईल फ़ोन ! 

लेकिन क्या आप जानते हैं की मोबाइल फ़ोन से निकलने वाला रेडिएशन (Phone Radiation) कितना घातक होता है। 

इसके रेडिएशन से हमें बहरापन, ब्रेन ट्यूमर, हार्ट डिजीज, नपुंसकता, न्यूरोडीजेनरेटिव डिसऑर्डर जैसी कई घातक बीमारियां हो जाती हैं।

इसीलिए मोबाइल को साइलेंट किलर भी माना जाता है। 

लेकिन हमको ये नही पता होता की हमारे फ़ोन से कितना रेडिएशन निकलता है और कितनी सीमा तक का रेडिएशन हमारी बॉडी को नुकसान नहीं पहुंचाता। 

तो आज हम आपको बताएंगे की अपने फ़ोन से निकलने वाले रेडिएशन की फ्रिक्वेंसी कैसे पता करें।

 

मोबाइल की रेडिएशन कैसे पता करें

इसके लिए हमें पहले हमें अपने फ़ोन डायल में जाना है और टाइप करना है
 
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जैसे ही आप ये नंबर डायल करते हैं आपके स्क्रीन पर एक नम्बर आ जायेगा। 
 
अगर ये नंबर 1.6 से कम है तो आपको चिंता करने की कोई बात नहीं लेकिन अगर इससे ज्यादा है तो आप सावधान हो जाएं और आपको अपना फ़ोन चेंज करने की जरूरत है। 
 
ये जो नंबर आपके फ़ोन की स्क्रीन पर आता है उसे SAR लेवल कहते हैं। इसका मतलब होता है “Specific Absorption Rate” यानी की मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन की दर। 
 
फ़ोन की डिवाइस से निकलने वाली रेडिएशन को SAR से मापते हैं। 
 
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन वाली कोई भी डिवाइस हो उससे हमेशा रेडिएशन निकलती रहती है। 
 
हमारा शरीर इस रेडिएशन को अलग अलग स्तर पर अवशोषित किया करता है। 
 
जैसे जब हम फोन पर बात करते हैं तो रेडिएशन का सबसे ज्यादा असर हमारे दिमाग पर होता है और वो सबसे ज्यादा रेडिएशन अवशोषित करता है। 
 
उसके बाद हार्ट फिर शरीर के निचले अंग इस रेडिएशन को अवशोषित करते हैं। ये शरीर के हर अंग पर प्रभाव डालते हैं। 
 
इसीलिए पूरे विश्व में मोबाईल फ़ोन से निकलने वाले रेडिएशन के लिए मानक तय किया गया है ताकि हमारे शरीर में इस रेडिएशन के दुष्प्रभाव ना पड़ें। 
 
हमारे देश में यह 1.6 है और सारी मोबाइल कंपनीज को यही मानक मानने होते हैं। 
 
तो देर किस बात की आज ही अपने फोन में दिया गया नम्बर डायल करें और जानें की कहीं आपका फोन आपको नुकसान तो नही पहुंचा रहा।



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