विश्व के इतिहास में ऐसी कई भयानक और खतरनाक घटनाएं हुई हैं जिनके बारे में सुन कर आत्मा तक कांप जाती है।
ऐसी ही एक भयानक घटना चीन मे 62 साल पहले हुई थीं (The Great Famine In China) जिसमे करोड़ों लोग मारे गए थे और इस भयानक तबाही के पीछे चीन कि ही एक मामूली सी गलती थी।
आप भी सोच कर हैरान हो गए होंगे कि चीन ने ऐसी कौन सी गलती कर दी थी।
हालांकि चीन ने बाद मे उस गलती को सुधारने का बहुत प्रयास किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और करोड़ों लोग काल के गाल में समा चुके थे।
हम यहां बात कर रहे हैं “The Great Chinese Famine” की, चीन का हर नागरिक इस बात को बहुत अच्छी तरह जानता हैा।
बात सन 1958 की है तब चीन की बागडोर “माओ जेडांग” के पास थी उन्होंने उस समय एक अभियान शुरू किया था जिसका नाम था ” फॉर पेस्ट कैंपेन”।
विश्व का सबसे बड़ा अकाल
इस कैंपेन में उन्होंने मच्छर, मक्खी, चूहा और गौरैया को मारने का आदेश दिया था।
उनका मानना था कि ये सब किसानों की मेहनत बेकार कर देते हैं और फसलों कों बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।
मच्छर, मक्खी और चूहों को मरना थोड़ा मुश्किल काम था क्युकी ये आसानी से छुप जाते हैं लेकिन गौरैया एक सामाजिक पंछी है जिसे इन्सानों के बीच रहना पसंद है, इसलिए चाइना वासियों ने गौरैया को अपना शिकार बनाना सुरु किया।
पूरे चीन में गौरैया को ढूंढ ढूंढ कर मारा जाने लगा, उनके घोसलो को नस्ट कर दिया गया और उनके बच्चो और अंडो को मार कर खाया जाने लगा।
लोग बर्तन, ड्रम, या टीन को बजा बजा कर गौरैया को उड़ाते और तब तक उसका पीछा करते जब तक वो थक कर गिर ना जाती और फिर उसे मार कर खा जाते।
जो जितनी ज्यादा गौरैया मारता उसे उतना ही ज्यादा इनाम मिलता और इनाम के लालच में धीरे धीरे करके सारी गौरैया या तो चीन से भाग गई या मारी गई।
सन् 1960 में मशहूर पक्षी विज्ञानी “शो शिन चेंग” ने “मायो जेदांग” को बताया कि पक्षियों को मारने से फसलों को नुकसान करने वाले कीड़ों की संख्या बहुत बड़ जाती हैै।
जिससे फसलों को बहुत नुकसान होता है, क्युकी गौरैया इन्हीं सब कीड़ों को खाती है। ये सुनने के बाद “मायो जेड़ांग” ने अपने आदेश को वापस ले लिया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
गौरैया के ना होने से टिड्डियां बहुत हो गई थीं, क्युकी गौरैया टिड्डियां बहुत खाती है और गौरैया ना होने से टिड्डियां पूरी की पूरी फसल खाने लगी नतीजा ये हुआ कि खेत में खड़ी खड़ी फसलों को टिड्डियां खा गई।
सारी फसलें बर्बाद हो गई और चीन में भयानक आकाल पड़ गया। करोड़ों लोग भूख से मर गए, चीनी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक़ 1.5 करोड़ लोग भूकमरी से मर गए। यह त्रासदी चीन के इतिहास मे सबसे भयानक त्रासदी मानी जाती है।
हमारे ऋषि मुनियों ने इसलिए सारे जानवर, कीड़ों, और पंक्षिओ आदि को इंसान के बराबर ही माना है और इन्हें भगवान के रूप मे पूजा भी की जाती है ताकि हम उनको नुकसान ना पहुंचाए।
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