जब भी हम रात में आकाश को निहारते हैं तो सप्तऋषि (Ursa Major) तारामंडल से थोड़ी दूर पर हमें एक तारा दिखाई देता है जिसे हम ध्रुव तारा कहते हैं।
ध्रुव तारा हमारे सूर्य से 40 गुना अधिक बड़ा और 1,000 गुना अधिक चमकदार तारा है।
सप्तऋषि मंडल के शुरू के दो तारे हमेशा ध्रुव तारे की सीध में ही होते हैं।
सप्तऋषि मंडल ध्रुव तारे के चक्कर लगाते हुए दिखाई देते हैं।
ध्रुव तारा हमेशा से एक ही जगह स्थिर दिखाई देता है।
इसीलिए प्राचीन काल में जब दिशा सूचक यंत्र नहीं होते थे तो ध्रुव तारे की सहायता से ही दिशा का पता लगाया जाता था।
किस जगह स्थित है ध्रुव तारा
ध्रुव तारे को हम नॉर्थ स्टार या पोलारिस (Polaris) या अल्फा उरसा माइनोरिस (Alpha Ursa Minoris) भी कहते हैं।
ध्रुव तारा उत्तरी आकाश में दिखाई देता है।
ध्रुव तारा उरसा माइनर (Ursa Minor) तारामंडल समूह का एक तारा है।
यह सप्तऋषि मंडल तारासमूह (Ursa Major) के शीर्ष के दो तारों के बिल्कुल सीधी रेखा में स्थित है।
ध्रुव तारे को हम आसानी से रात में देख सकते हैं।
ध्रुव तारे की पृथ्वी से दूरी कितनी है ध्रुव तारा वास्तव में उरसा माईनर (Ursa Minor) तारामंडल समूह में तीन तारों का एक समूह है।
ध्रुव तारे की धरती से दूरी 433 प्रकाश वर्ष है।
इन तीन तारों में जो हमें दिखाई देता है उसे हम पोलारिस A (Polaris Aa) या ध्रुव तारा कहते हैं, इसके अलावा दो तारे और है जिसे हम Polaris Ab और Polaris B कहते हैं।
बाकी के दोनों तारे चमकदार नहीं होते और छोटे होते हैं इसलिए वो हमें नहीं दिखाई देते।
ध्रुव तारा हमारे सूर्य से 40 गुना अधिक बड़ा और 1,000 गुना अधिक चमकदार Yellow Super giant तारा है।
ध्रुव तारे का भार हमारे सूर्य से 5.4 गुना अधिक है।
इसका भार इतना अधिक होने के कारण ही इसके कोई भी ग्रह नहीं है क्योंकि अधिक भार होने की वजह से ग्रह की कक्षा अस्थिर हो जाती है और वो तारे में समा जाते हैं या अपनी कक्षा से भटक जाते हैं।
ध्रुव तारा हमेशा एक जगह स्थिर क्यों दिखाई देता है
पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5° झुकी हुई है और अपने अक्ष पर घूमने के साथ वह सूर्य के चारों ओर चक्कर भी लगाती है।
ध्रुव तारा पृथ्वी के उत्तरी अक्ष पर ठीक ऊपर स्थित है जिसकी वजह से ध्रुव तारा हमेशा एक जगह ही दिखाई देता है।
दक्षिणी गोलार्ध से ध्रुव तारा नहीं दिखाई देता क्योंकि ध्रुव तारा उत्तरी गोलार्ध में है।
ध्रुव तारा हजारों साल में बदल जाता है जी हां, सही सुना आपने ध्रुव तारा हजारों साल में बदल जाता है और कोई नया तारा इसकी जगह ले लेता है।
Polaris A, Ab और B तारे तो वही रहेंगे लेकिन हमारी आकाशगंगा के घूमने के कारण ये ध्रुव तारा अपनी जगह से हट जायेगा और कोई नया तारा उस जगह आ जाएगा जिसे हम ध्रुव तारा मानेंगे।
आज के 5,000 साल पहले थ्रोबन नामक तारा हमारा ध्रुव तारा था और आज Polaris A हमारा ध्रुव तारा है।
24 मार्च 2100 से हमारा ध्रुव तारा अपना स्थान बदलने लगेगा और 12 हजार साल बाद वेगा नाम का तारा हमारी धरती का नया ध्रुव तारा होगा।
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