हम सभी जानते हैं की पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती (Earth Rotation) है जिसके कारण दिन और रात होते हैं।
पृथ्वी 24 घण्टे में अपने अक्ष पर एक बार पूरा घूम जाती है।
पृथ्वी के घूमने की गति पृथ्वी पर अलग-अलग होती है।
विषुवत रेखा पर यह गति 1667 km/h होती है तथा ध्रुवों पर यह शून्य हो जाती है।
यही कारण है की ध्रुवों पर 6 महीने दिन और 6 महीने रात होती है।
क्या आपने सोचा है की अगर पृथ्वी 24 घण्टे की जगह सिर्फ 12 घण्टे में ही अपने अक्ष पर घूमने (Earth Rotation) लगे तो क्या होगा?
आईए समझते हैं की क्या होगा अगर पृथ्वी अपनी अभी की गति से तेज घूमने लगे
तेज घूमने (Earth Rotation) के कारण दिन और रात में परिवर्तन
पृथ्वी के तेज घूमने के कारण जो सबसे पहला परिवर्तन दिखाई देगा वो होगा जल्दी-जल्दी दिन और रात होना।
अभी दिन और रात 24 घण्टे में होते हैं अगर पृथ्वी तेज घूमने (Earth Rotation) लगेगी तो दिन और रात बहुत जल्दी जल्दी होने लगेंगे।
अगर पृथ्वी दो गुना तेज घूमेगी तो दिन और रात का समय 24 घण्टे से घटकर 12 घण्टे रह जायेगा, मतलब 6 घण्टे का दिन और 6 घण्टे की रात।
आपको अपनी घड़ी का समय बदलना होगा, पूरे विश्व में समय के मानक बदल दिए जायेंगे।
पृथ्वी का आकार बदल जायेगा
अगर पृथ्वी अपनी गति से तेज घूमने (Earth Rotation) लगे तो पृथ्वी का आकार बदल जायेगा।
पृथ्वी अपने ध्रुवों पर और अधिक चपटी हो जायेगी और पृथ्वी का आकार एक दबी हुई गेंद की तरह हो जायेगा जो दोनों तरफ से दबा दी गई है।
समुद्र की गहराई बढ़ जायेगी
पृथ्वी की गति (Earth Rotation) बढ़ने के कारण इक्वेटर पर समुद्र की गहराई बढ़ जायेगी और ध्रुवों पर गहराई कम हो जायेगी।
जिसके कारण अधिकांश क्षेत्र समुद्र के पानी में डूब जायेंगे।
प्राकृतिक आपदाएं शुरू हो जाएंगी
पृथ्वी की गति (Earth Rotation) बढ़ने से पृथ्वी पर जीवन संकट में पड़ जाएगा।
तेज गति के कारण पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स पर दबाव पड़ेगा जिसकी वजह से पूरे विश्व में भूकंप आने शुरू हो जाएंगे।
ज्वालामुखी अति सक्रिय हो जाएंगे और जहां भी बाहर निकलने की जगह होगी वहां से लावा बाहर आने लगेगा।
पृथ्वी पर हवाएं बहुत ही तेज गति से चलने लगेंगी और लगातार तूफान या चक्रवात आया करेंगे।
ग्रेविटी कम हो जायेगी
पृथ्वी के तेज गति के कारण पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल कम हो जाएगा जिसकी वजह से मानव जीवन खतरे में पड़ जाएगा।
क्योंकि हमारा शरीर 9.8 m/s2 का गुरुत्वाकर्षण ही झेल सकता है इससे कम या अधिक गुरुत्वाकर्षण मानव जीवन के लिए बहुत ही खतरनाक होगा।
हमारा भार कम हो जाएगा क्योंकि इस गुरुत्वाकर्षण बल के कारण ही हमें भार महसूस होता है।
सैटेलाइट और स्पेस मिशन खतरे में पड़ जाएंगे
अभी जितने भी सैटेलाइट या स्पेस मिशन हैं उन सब में टेक्निकल खामी आ जाएगी क्योंकि पृथ्वी के तेज घूमने से पृथ्वी का समय बदल जाएगा और जो सैटेलाइट स्पेस में हैं वो पुरानी गणना के अनुसार ही काम कर रहे होंगें।
इसलिए कैलकुलेशन मिस्टेक होने से सब इंफॉर्मेशन सिस्टम क्रैश होना शुरू हो जाएगा और हम इंटरनेट या टीवी का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
आकाश में उड़ रही फ्लाइट पर भी इसका बहुत असर पड़ेगा।
कोरोलियस इफैक्ट
साइंस के स्टूडेंट ने कोरोलियस प्रभाव जरूर पढ़ा होगा।
अगर पृथ्वी की गति बढ़ जायेगी तो कोरोलियस इफैक्ट के कारण धरती पर जलवायु परिवर्तन और हवाओं की गति असामान्य हो जायेगी।
समुंद्र में आने वाले ज्वार भाटा बहुत ही तीव्र हो जायेंगे जिसकी वजह से समुंद्र के किनारे बसे हुए सारे शहर डूब जाएंगे।
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