आज हम आपको बताएंगे की आईपीसी की (IPC 505) धारा 505 क्या है, यह अपराध किस श्रेणी में आता है, क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे होती है।
505 आईपीसी की धारा (IPC 505)
IPC की धारा 505 का इस संबंध में है की अगर आप कोई अफवाह फैलाते हैं, कोई ऐसी बात कहते हैं जो जाति, धर्म, भाषा, समूह या स्थान को अपमानित करने, लड़ाई झगड़ा बढ़ाने, विद्रोह करवाने या सामाजिक शांति को बिगाड़ने वाला हो तो उस पर (IPC 505) आईपीसी की धारा 505 लागू होती है।
अगर आपने ऐसी कोई अफवाह या झूठ फैलाया जिसके कारण सेना में विद्रोह या अशांति फैल जाए तो भी आप आईपीसी की धारा 505 के अंतर्गत दोषी हैं।
अगर आप झूठ बात, गलत जानकारी या अफवाह को सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाते हैं जिसके कारण सामाजिक शांति बिगड़ सकती है या किसी जाति, धर्म, समूह या स्थान का अपमान हो तो यह भी आईपीसी की धारा 505 के अंतर्गत (IPC 505) आती है और आप इसमें गिरिफ्तार किए जा सकते हैं।
आईपीसी की धारा 505 में सजा आईपीसी की धारा 505 में व्यक्ती को 3 साल से लेकर 5 साल की सजा या जुर्माना या फिर सजा और जुर्माना दोनों दिया जा सकता है।
इस अपराध में जमानत नहीं मिलती है।
इस अपराध में गिरफ्तारी के लिए वारंट की जरूरत नहीं होती है और पुलिस आपको बिना वारंट के पकड़ सकती है।
अगर आपके द्वारा फैलाई गई किसी अफवाह या झूठे तथ्य से किसी की मृत्यु होती है, दंगे फैलते हैं, किसी महिला की इमेज खराब होती है या सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान होता है तो आपकी सजा सात साल तक हो सकती है।
आप पर अन्य धाराएं भी लागू हो सकती हैं।
अपवाद
अगर आप ये साबित कर पाएं की आपने जो भी कहा या फैलाया वह सच है और किसी को नुकसान पहुंचाने या किसी गलत इरादे के साथ नहीं किया गया तो आप पर यह अपराध (IPC 505) लागू नहीं होगा।
लेकिन इस बात को आपको कोर्ट में साबित करना होगा।
Note-:
इस लेख में हमने (IPC 505) आईपीसी की धारा 505 को बहुत ही आसान और सरल शब्दों में समझाने की कोशिश की है।
कानून की धाराएं बहुत ही कठिन तरीके से लिखी होती हैं जो एक आम इंसान के आसानी से समझ में नहीं आती है।
इसलिए हमनें यहां आईपीसी की 505 को सामान्य बोल चाल की भाषा में समझाने की कोशिश की है।
कोई गलती होने पर आप कॉमेंट बॉक्स में अपने सुझाव दे सकते हैं।
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