आजकल युवाओं के बहुत ही कम उम्र में बाल सफेद होने लगें हैं।
यहां तक देखा गया है की 6 साल के बच्चों के भी बाल सफेद हो जाते हैं।
आखिर क्या कारण हैं की बाल इतने कम उम्र में ही सफेद हो जाते हैं।
क्या यह किसी विटामिन या मिनरल्स की कमी से होते हैं या अनुवांशिक कारणों से कम उम्र में बाल सफेद हो जाते हैं या बालों का कम उम्र में सफेद होना किसी बीमारी का लक्षण है।
आईए जानते हैं
कम उम्र में बाल सफेद होने का कारण
कम उम्र में बाल सफेद होना एक बीमारी है जिसे हम केनाइटिस (Kenitis) कहते हैं।
अगर भारत में किसी के बाल 20 साल से कम उम्र में ही सफेद होने शुरू हो जाएं तो इसे केनाइटिस की शुरुआत मानते हैं।
केनाइटिस में बालों के रंग को काले रखने वाले पिगमेंट में समस्या शुरू हो जाती है जिसके कारण बालों का काला रंग गायब होने लगता है।
केनाइटिस के कारण केनाइटिस के कई कारण हो सकते हैं जैसे
- अनुवांशिक
- हार्मोनल असंतुलन
- शरीर में प्रोटिन और कॉपर की कमी
- थाइराइड की समस्या
- एनीमिया
इन सबके अलावा जो लोग बालों पर बहुत सारे एक्सपेरिमेंट (शैंपू, कलर या केमिकल) करने लगते हैं उनके भी बाल सफेद होना शुरू हो जाते हैं।
पूरे विश्व में करीब 10% लोग केनाइटिस से पीड़ित हैं।
बालों का रंग काला क्यों होता है
हमारे बालों और त्वचा का रंग मेलेनिन नामक पिगमेंट डिसाइड करते हैं।
मेलेनीन का निर्माण मेलिनोसाइट करती हैं जो हमारी स्किन के ऊपरी भाग में होती हैं।
हमारे हेयर फॉलिकल में दो प्रकार के मेलेनिन होते हैं इमेलानिन और फोमेलेनिन।
इमेलानिन पिगमेंट बालों को काला और भूरा रंग देता है जबकि फोमेलेनिन पिगमेंट बालों को सफेद या सुनहरा रंग देता है।
जब इमेलानिन पिगमेंट कम होने लगता है या बनना बंद हो जाता है तो बालों का रंग बदल जाता है।
इसके बंद होने के कई कारण होते हैं।
एक बार अगर बाल सफेद होने शुरू हो जाएं तो इनका वापस काला होना असम्भव है।
आपको इससे बचने के लिए इतना ही करना है की अच्छी और पौष्टिक डाइट लें, बालों पर किसी भी तरह का केमिकल या अलग अलग प्रकार के शैंपू का इस्तेमाल ना करें और तनाव से दूर रहें।
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