शव की राख से डीएनए टेस्ट कैसे होता है

किसी आपराधिक घटना होने पर शव के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए शव का डीएनए टेस्ट करवाया जाता है।

हमारा शरीर छोटी-छोटी कोशिकाओं से मिलकर बना होता है और सभी कोशिका में डीएनए (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) पाया जाता है।

डीएनए हमारे मानव शरीर के गुणों (जैनेटिक कोड) को या बायोलॉजिकल इनफॉर्मेशन को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर करता है।

डीएनए का मुख्य काम हमारे शरीर की सभी अनुवांशिक क्रियाओं का संचालन और प्रोटीन सिंथेसिस को नियंत्रित करना होता है।

डीएनए मुख्यता सेल्स में पाया जाता है लेकिन कुछ डीएनए माइटोकॉनड्रिया में भी पाए जाते हैं।

डीएनए की पहचान सबसे पहले 1869 में जोहान फेड्रिक मिशर ने की थी, लेकिन इसकी पूरी खोज जेम्स वॉटसन और फ्रांसिस क्रिक ने 1953 में की थी।

डीएनए की सहायता से आप अपने माता पिता और पूर्वज के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

डीएनए की सहायता से ये भी पता चल सकता है की आपको कौन कौन सी बीमारियां हो सकती हैं।

डीएनए की सहायता से आपकी त्वचा का रंग, आपके बाल का रंग, आप गंजे होंगे की नहीं आदि सूचना भी प्राप्त कर सकते हैं।

शव का डीएनए टेस्ट कैसे किया जाता है

जब किसी का शव जलाया जाता है तो राख बच जाती है, लेकिन यह पूरी राख नहीं होती इसमें छोटी छोटी हड्डियां भी पाई जाती हैं।

भले ही वो हड्डियां कितनी ही छोटी क्यों ना हों उनसे डीएनए टेस्ट करके जानकारी प्राप्त करना आसान है।

शव की राख से डीएनए टेस्ट कैसे होता है?
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क्या किसी के मरने के बाद डीएनए टेस्ट कर सकते हैं?

लेकिन अगर सिर्फ राख ही बची हो तो फिर डीएनए टेस्ट करना मुश्किल हो सकता है।

दांत एक बहुत ही अच्छा सोर्स होता है किसी भी शव का डीएनए टेस्ट करके उसकी जानकारी निकालने में।

क्योंकि दांत के ऊपर का इनेमल डीएनए को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचने देता और ज्यादातर मामलों में डीएनए यहां बचा रह जाता है।

जहां शवों को दफनाया जाता है वहां डीएनए प्राप्त करना ज्यादा आसान होता है क्योंकि दफनाए हुए शव देर में विघटित होते हैं।

जिंदा लोगों में डीएनए टेस्ट के लिए नाखून, थूक, बाल, पेशाब, वीर्य, खून, बोन मैरो ईत्यादि से सैंपल लिया जाता है।

लेकिन जयादातर डीएनए टेस्ट शरीर के बाल या थूक के स्वैब से किया जाता है।

डीएनए टेस्ट के बारे मे रोमांचक तथ्य

  1. मनुष्य के डीएनए की सरंचना और गोभी, केला और चिम्पांजी की डीएनए की सरंचना समान होती है।
  2. हमारे शरीर में प्रतिदिन 10,000 से 10,00,000 डीएनए नष्ट हुआ करते और बना करते हैं।
  3. केवल एक चम्मच डीएनए से पूरे विश्व की सभी प्रजातियों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
  4. पूरे विश्व में मौजूद इन्टरनेट डाटा को सिर्फ दो ग्राम डीएनए में स्टोर किया जा सकता है।
  5. सूर्य की यूवी UV किरणों से हमारा डीएनए नष्ट हो सकता है। लेकिन इसमें घबराने की बात नही है सूर्य की रोशनी सिर्फ हमारी त्वचा तक ही जा पाती है।
  6. सभी मनुष्यों में पाया जाने वाला 99.9% डीएनए समान होता है। सिर्फ 0.1% ही अलग होता है जिससे हम जानकारी प्राप्त करते हैं।
  7. यादि हम डीएनए को खोल कर पूरी तरह फैलाएं तो यह 600 बार पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी नाप सकता है।
  8. डीएनए हर कोशिका में पाया जाता है। जब कोशिकाएं विभाजित होती हैं तो डीएनए अपनी एक प्रतिलिपि बना लेता है जिससे की दोनों कोशिकाओं में जरूरी इनफॉर्मेशन पहुंच सके।

डीएनए टेस्ट की क्या उपयोगिता है

अगर कोई दुर्घटना, मर्डर या रेप हुआ हो तो वहां मौजूद मुजरिम या जिसके साथ दुर्घटना हुई हो उसके नाखून, खून, बाल, वीर्य, पेशाब, थूक, त्वचा या किसी भी अन्य शरीर के भाग से ये पता लगाया जा सकता है की वह व्यक्ती उस वक्त वहां मौजूद था की नही।

इसके अलावा डीएनए की जांच यह पता करने के लिए भी होता है की बच्चे के वास्तविक मां बाप कौन है, या पैरेंट्स की जैनेटिक बिमारी बच्चों को तो नहीं हो जायेगी।

साथ में अगर कोई दुर्घटना में मर गया हो तो यह उसी परिवार का सदस्य है इसकी जानकारी भी डीएनए टेस्ट से की जाती है।

कितने रुपए में होता है डीएनए टेस्ट

डीएनए टेस्ट सरकारी और प्राइवेट दोनों लैब्स में होता है।

प्राइवेट लैब में डीएनए की जांच 10,000 से लेकर 20,000 तक होती है और रिर्पोट आने में 10 दिन करीब लगते हैं।

जबकि सरकारी लैब में डीएनए टेस्ट करवाने के लिए आपको कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

अगर आपको अपने बच्चों का डीएनए टेस्ट करवाना हो तो आप किसी भी प्राइवेट लैब में करवा सकते हैं।

यह बहुत ही आसानी से प्राइवेट लैब में हो जाता है।

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