9 कारण की हमको मोमोज नहीं खाने चाहिए

मोमोज और उसकी लाल लाल तीखी चटनी को देखकर खुद को रोक पाना मुश्किल हो जाता है।

शायद यही कारण है की बहुत ही कम समय में मोमोज पूरे भारत में युवाओं, महिलाओं और बच्चों द्वारा पसंद किया जाने वाला फेवरेट स्ट्रीट फूड बन गया है।

नर्म और मुलायम मोमोज को तो कुछ लोगों ने अपने भोजन का हिस्सा ही बना लिया है और हफ्ते में तीन बार से लेकर रोज तक की आदत बन चुका है ये मोमोज।

लेकीन क्या आपको पता है बाजार में मिलने वाला मोमोज जिसे आप इतने चाव से खाते हैं यह आपको कई गंभीर बीमारियां दे सकता है।

जी हां, आईए जानते हैं कैसे

बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है

अगर आप हफ्ते में 3 दिन भी मोमोज खाते हैं तो आपको बवासीर यानी की पाइल्स होने की संभावना 4 गुना तक बढ़ जाती है।

मोमोज में मैदा इस्तेमाल होता है जो पचने में बहुत ही मुश्किल होता है।

यह बिना पचे ही हमारी आंतों में चिपका रहता है जिसकी वजह से कब्ज हो जाती है और यही कब्ज बवासीर कर देता है।

आंतों में सूजन आ जाती है

मोमोज की चटनी में मिर्च का अत्यधिक इस्तेमाल किया जाता है जिसकी वजह से इसके अधिक सेवन से आंतो में सूजन हो जाती है।

आंतों में सूजन होने के कारण पेट दर्द होना शुरू हो जाता है और यह आगे चलकर पेट के अल्सर या अन्य गंभीर बीमारियों में बदल सकता है।

मिर्गी के दौरे पड़ने लगते हैं

मोमोज को भरने में बंधा गोभी और गाजर का अधिक इस्तेमाल होता है।

ज्यादातर मोमोज बेचने वाले इन सब्जियों को अच्छे से नहीं धोते हैं और ना ही अच्छी तरह पकाते हैं।

जिसकी वजह से टेपवर्म और इनके लार्वा सब्जियों में लगे रह जाते हैं और बाद में ये हमारे शरीर में जाकर बहुत सी बीमारियां कर देते हैं।

अगर ये टेपवर्म आपके दिमाग तक पहुंच गए तो आपको मिर्गी के दौरे आना शुरु हो जाते हैं या दिमाग में सूजन आ जाती है।

फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है

बाजार में मिलने वाले मोमोज में बहुत ही घटिया क्वॉलिटी का सामान और सब्जियों का इस्तेमाल होता है।

इनको ना तो ढंग से पकाया जाता है और न ही ढंग से धुला जाता है।

इसमें पड़ने वाले केमिकल बहुत ही हानिकारक होते हैं इस वजह से फूड पॉइजनिंग होने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है।

टायफाइड और डायरिया हो जाता है

मोमोज खाने वालों में टायफायड होना एक बहुत ही आम समस्या है।

मोमोज बनाने में साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है जिसकी वजह से S.Typhi, E.Coli ईत्यादि नामक बैक्टीरिया इसमें आ जाते हैं और इनके कारण टायफायड और अन्य संक्रमण हो जाते है।

अधिक मोमोज खाने वालों को डायरिया भी बहुत होता है।

एक सर्वेक्षण जिसमें कई शहरों के कई सारे स्ट्रीट फूड के सैंपल लिए गए थे उसमें लगभग 90% सैंपल बहुत ही दूषित मिले हैं और अधिकतर सैंपल में मानव मल पाया गया था।

अब आप अंदाजा लगा सकते हैं की यह कितना खतरनाक हो सकता है।

कोलेस्ट्रोल बढ़ाता है

मोमोज के अधिक सेवन से हार्ट की नसों में कोलेस्ट्रोल जमा होने लगता है जिसके कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

मोमोज LDL कोलेस्ट्रोल को बहुत अधिक बढ़ा देता है और HDL कोलेस्ट्रोल को कम कर देता है।

नसों संबंधित बीमारी होनी शुरू हो जाती है

मोमोज में स्वाद को बढ़ाने के लिए MSG यानी की मोनो सोडियम ग्लूटामेट डाला जाता है।

MSG का सेवन हमारी तंत्रिका तंत्र को डिस्टर्ब कर देता है।

जिसकी वजह से सीने में दर्द, उल्टी होना, घबराहट होना, चक्कर आना, अधिक पसीना आना, धड़कन अनियंत्रित होना और नसों में दर्द होना ईत्यादि शुरू हो जाता है।

डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है

मोमोज का GI इंडेक्स बहुत हाई होता है इसके साथ ही इसके मैदे में इसको मुलायम बनाने के लिए ब्लीच और अन्य केमिकल (Azodicarbonamide, Chlorine gas, Benzoyl Peroxide) मिलाए जाते हैं।

जिसकी वजह से यह पैंक्रियाज को नुकसान पहुंचाता है और डायबिटीज होने का खतरा बहुत बढ़ जाता है।

हेपटाइटिस हो सकती है

मोमोज हफ्ते में एक बार भी अगर आप खाते हैं तो आपको हेपटाइटिस होने की कई गुना संभावना हो जाती है।

मोमोज को बनाने में साफ सफाई का बिलकुल ध्यान नहीं दिया जाता और तो और नॉन वेज मोमोज में तो अधपका, कच्चा, सड़ा हुआ और कुत्तों तक का मांस मिला दिया जाता है।

इन सब गंदगी की वजह से हेपटाइटिस A और हेपटाइटिस E हो सकता है।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *