कोल्ड ड्रिंक्स हम भारतीय बहुत ही चाव से पीते हैं। कोई पार्टी हो या मेहमानों का स्वागत करना हो कोल्ड ड्रिंक्स को हम सबसे पहले पेश करते हैं।
कई लोगों की आदत होती है की वो रोज कोल्ड ड्रिंक पीते हैं। लेकिन रोज कोल्ड ड्रिंक्स पीने से हमारे शरीर में क्या प्रभाव पड़ेगा आईए समझते हैं
बच्चों की हाईट नहीं बढ़ पाती
बच्चों के शरीर में ग्रोथ हार्मोन की अधिक मात्रा सोते वक्त निकलती है जिसकी वजह से बच्चों की लंबाई बढ़ती है।
कोल्ड ड्रिंक में शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है और शुगर रात में सोते वक्त निकलने वाले ग्रोथ हार्मोन को डिस्टर्ब कर देता है जिसकी वजह से बच्चों में ग्रोथ हार्मोन अच्छी तरह से नहीं निकल पाता।
कोल्ड ड्रिंक नींद को भी डिस्टर्ब करती है और पूरी नींद न आना भी बच्चों के ग्रोथ हार्मोन पर बुरा प्रभाव डालती है जिसकी वजह से बच्चों की हाईट नहीं बढ़ पाती।
शाम के बाद तो कोल्ड ड्रिंक बढ़ते बच्चों को देना ही नहीं चाहिए।
किडनी स्टोन होने की संभावना बढ़ जाती है
रोज कोल्ड ड्रिंक पीने से शरीर का pH लेवल बिगड़ने लगता है और जिसकी वजह से पेशाब हाईली एसिडिक हो जाती है।
एसिडिक पेशाब किडनी स्टोन को बनाने में सहायता करती है और किडनी स्टोन बनना शुरू हो जाते हैं।
इसके साथ ही कोल्ड ड्रिंक का रोज सेवन शरीर को डिहाइड्रेट भी करता है जिसके कारण किडनी स्टोन होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
शुगर की अधिक मात्रा शरीर में जाती है
कोल्ड ड्रिंक में शुगर की बहुत अधिक मात्रा होती है।
किसी भी कोल्ड ड्रिंक के एक कैन या 200 ml में 39 ग्राम शुगर होती है यानी की 10 चम्मच शुगर।
इतनी अधिक शुगर का सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदेय होता है।
इतनी सारी शुगर की वजह से हमें डायबिटीज, मोटापा और ह्रदय की कई सारी बीमारियां हो सकती हैं।
कैफीन की अधिक मात्रा
कोल्ड ड्रिंक में कैफिन अधिक मात्रा में होता है जिसके कारण कोल्ड ड्रिंक का रोज सेवन करने से उलझन, घबराहट और नींद न आना जैसी दिक्कतें आना शुरू हो जाती हैं।
अधिक कैफ़ीन का सेवन करने के बाद आप इसे आसानी से छोड़ नहीं सकते क्योंकि इसको छोड़ने पर सिर दर्द और थकान जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं।
फास्फोरिक एसिड की अधिक मात्रा
कोल्ड ड्रिंक में फास्फोरिक एसिड की मात्रा अधिक होती है जिसकी वजह से दांतों के एनेमल को नुकसान पहुंचता है और दांत सड़ने लगते हैं या दांतों में कैविटी हो जाती है।
फास्फोरिक एसिड की अधिक मात्रा के कारण पेट की समस्याएं होनी शुरू हो जाती हैं।
आर्टिफिकल रंग डाला जाता है
कोल्ड ड्रिंक को इसका रंग देने के लिए इसमें आर्टिफिशियल रंग डाला जाता है।
रोज कोल्ड ड्रिंक का सेवन करने से हमारा शरीर इन आर्टिफिशियल रंग के विरूद्ध एलर्जिक रिएक्शन देना शुरू कर देता है।
इस आर्टिफिशियल रंग की वजह से कैंसर होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
शरीर को डिहाइड्रेट करता है
कोल्ड ड्रिंक एक Diuretic की तरह काम करता है।
जिसकी वजह से किडनी पर अधिक लोड पड़ता है और शरीर से अधिक मात्रा में पानी निकलने लगता है।
इसके कारण डिहाइड्रेशन, कब्ज, बवासीर और थकान जैसी समस्याएं बनी रहती हैं।
पेट में अल्सर करता है
कोल्ड की pH वैल्यू बहुत एसिडिक होती है। जिसकी वजह से इसका रोज करने वालों में एसिडिटी और अल्सर की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
यह हमारे पेट के pH वैल्यू को बिगाड़ देता है और पेट के अंदर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
कोल्ड ड्रिंक की pH वैल्यू 2.5 से 3.5 के बीच होती है जो की हाईली एसिडिक होता है।
हड्डियों को कमजोर करता है
कोल्ड के रोज सेवन से कैल्शियम का हमारे शरीर में सही तरह अवशोषण नहीं होने पाता है और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
जो लोग रोज कोल्ड ड्रिंक का सेवन करते हैं उनको ओस्टियोपोरोसिस होने की संभावना हफ्ते में एक बार कोल्ड ड्रिंक पीने वाले की तुलना में 10 गुना अधिक होती है।
नींद नहीं आती
रोज कोल्ड ड्रिंक पीने वालों को नींद ना आने की समस्या हो जाती है।
इसका मुख्य कारण कोल्ड ड्रिंक में पाया जाने वाला कैफीन है।
यह हमारे दिमाग के न्यूरॉन्स की नॉर्मल कार्य प्रणाली को डिस्टर्ब करना शुरू कर देता है और नींद न आने की बीमारी हो जाती है।
अक्सर यह देखा गया है की रोज कोल्ड ड्रिंक पीने वाले रात रात भर जागा करते हैं।
बवासीर होने की संभावना बढ़ जाती है
जो लोग रोज कोल्ड ड्रिंक पीते हैं उनको बवासीर होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
कोल्ड ड्रिंक हमारे शरीर को डिहाइड्रेट करता है जिसकी वजह से कब्ज होने लगती है और आगे चलकर यह बवासीर कर देता है।
कोल्ड ड्रिंक पीने से हमारे शरीर के पानी की डिमांड भी कम हो जाती है जिसकी वजह से हम पानी ढंग से नहीं पी पाते और इसका नुकसान शरीर को झेलना पड़ता है।
मोटापा बढ़ाता है
कोल्ड ड्रिंक का रोज सेवन शरीर का मोटापा बढ़ाने लगता है।
कोल्ड ड्रिंक में हाई शुगर होती है जिसकी वजह से शरीर का मोटापा बढ़ने लगता है।
इसके साथ ही यह डायबिटीज का कारण भी बनता है