खेती अगर ढंग से की जाय तो इससे प्रॉफिटेबल बिजनेस (Tamatar Ki Kheti) कुछ नहीं हो सकता और इसका कारण भी उचित है। इन्सान हर चीज के बिना रह सकता है पर बिना भोजन के नहीं रह सकता।
टमाटर एक ऐसी चीज है जिसके बिना कोई भी भारतीय भोजन अधूरा रहता है।
हमारे भारतीय किचन में बिना टमाटर के सब्जियां अधूरी सी रहती हैं।
टमाटर का मार्केट काफी बड़ा है और यही कारण है की टमाटर की खेती हमेशा एक फायदे का सौदा रही है।
आईए जानते हैं की हम कैसे टमाटर की खेती करके लाखों रुपए कमा सकते हैं।
टमाटर के खेत (Tamatar Ki Kheti)
अगर आप किसान हैं तो आपको खेत को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन यदि आपके पास खेत नहीं है या बहुत ही कम खेत है तो आप खेत को किराए पर लेकर भी टमाटर की खेती कर सकते हैं।
आईये जानते हैं टमाटर की खेती करने का तरीका
एक बीघा खेत एक साल के लिए 3,000 से 5,000 रुपए तक में बहुत आसानी से मिल जाता है।
कई जगह यह रेट 8,000 रुपए प्रति साल भी हो सकता है लेकिन इससे ज्यादा नहीं होता।
टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) से कमाई
एक हेक्टेयर खेत में 1000 से 1200 कुंतल टमाटर आसानी से पैदा हो सकता है।
एक हेक्टेयर में करीब करीब 4 बीघा खेत आता है।
अगर आपने टमाटर 10 रुपए किलो भी बेच दिए तो आप 1200 कुंतल के हिसाब से 12 लाख रुपए एक हेक्टेयर में आसानी से कमा सकते हैं।
टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) कैसे किया जाता है
वैसे तो आजकल टमाटर हर समय हो जाते हैं लेकिन इसकी खेती करने का सही समय साल में तीन बार होता है।
मई-जून, सितंबर-अक्टूबर और जनवरी-फरवरी टमाटर की बुवाई का सही समय होता है।
आईये जानते हैं टमाटर की खेती करने की विधि
टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) के बारे में जानकारी बहुत जरुरी है, टमाटर की खेती के लिए सबसे पहले बीजों को नर्सरी में तैयार करते हैं और फिर करीब करीब महीने भर बाद जब इसके पौधे थोड़े बड़े हो जाते हैं तो इनको निकालकर खेतों में लगा दिया जाता है।
चार बीघा में करीब करीब 15,000 पौधे लगते हैं।
खेतों में लगाने के 2 से 3 महीनों में ही ये पौधे टमाटर देना शुरू कर देते हैं।
टमाटर के लिए ज्यादा पानी की भी आवश्कता नहीं होती।
टमाटर की खेती के लिए बहुत सारी किस्मे आती हैं।
इनकी अधिक जानकारी आप अपने जिले के किसी भी कृषि विश्वविद्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही कृषि विश्वविद्यालय आपको इसकी खेती के लिए मुफ्त में सलाह और जानकारी भी देंगे।
अगर आपके जिले में कृषि विश्वविद्यालय नही है तो आप किसी भी बीज भंडार की दुकान से इसकी उन्नत किस्मों की जानकारी लेकर इसकी बुवाई करवा सकते हैं।
खाद एवम् खरपतवार नियंत्रण
टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) के लिए एक हेक्टेयर खेत में लगभग 100 किलो नाइट्रोजन( यूरिया या नाइट्रोजन सल्फेट ), 60 किलो स्पुर और 60 किलो पोटाश की आवश्कता होगी।
खरपतवार और कीड़े रोकने के लिए आपको समय समय पर निराई और फ्लूक्लोरेलिन 1 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से, मेरिटेंजिन (सेन्फोर) 0.25 – 0.50 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से और एलैक्लोर (लासों) 2.0 किलो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से डालना पड़ेगा।
टमाटर की खेती (Tamatar Ki Kheti) में लागत
टमाटर की खेती में एक हेक्टर में आपको बीज से लेकर तमाम खर्च मिलाकर 2 लाख रुपये तक का खर्चा आ सकता है।
इसमें 50,000 रुपये का बीज, लगभग 25,000 रुपये की तार ताकि जानवर ना घुस सकें खेत में, करीब 40,000 रुपये के बैंबू, करीब 20,000 रुपये की मल्चिंग पेपर और लेबर कॉस्ट लग जाता है।
पानी और खाद मिला कर लगभग 50 हजार तक का खर्चा आता है।
मिट्टी का चयन
टमाटर की खेती के (Tamatar Ki Kheti) लिए बलुई मिट्टी और खानिजीय मिट्टी सबसे अच्छी होती है।
वहीं पौधों की तैयारी के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है।
नुकसान से बचाव
खेती (Tamatar Ki Kheti) एक ऐसा बिजनेस है जिसमे नुकसान ज्यादातर मौसम में बदलाव के कारण होता है।
अपनी रकम और फसल को नुकसान से बचाने के लिए आपको अपनी फसल का बीमा जरूर करवाना चाहिए।
फसल का बीमा आपको मानसिक शान्ति भी देगा और आपकी लागत को डूबने से भी बचाएगा।
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