आजकल पूरे विश्व में मांसाहार का सेवन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है और इसके साथ ही यह बहस भी बढ़ती जा रही है की कौन सा मांस अच्छा है हलाल या झटका।
लोग निर्जीव जानवरों को मारकर अपने जीभ को तृप्त करते हैं।
मांस खाने वाले मांस को दो प्रकार का मानते हैं एक होता है हलाल और एक होता है झटका,
आईए समझते हैं की हलाल और झटके में क्या फर्क होता है और कौन से तरीके का मांस शरीर को नुकसान करता है और क्यों?
हलाल या झटका में हलाल क्या होता है
हलाल पद्धति मुसलमानों द्वारा अपनाई जाती है।
इस पद्धति में जानवर की केरोटिड धमनी और सांस की नली को काट दिया जाता है और जानवर को तड़पने के लिए छोड़ दिया जाता है जब तक की उसके शरीर का सारा खून ना निकल जाए, फिर बाद में शरीर को काटकर मांस निकाल लिया जाता है।
हलाल या झटका में झटका क्या होता है
झटका पद्धति का मांस ईसाई, हिंदू और अन्य धर्म के लोग खाते हैं।
इस पद्धति में जानवर को एक झटके में गर्दन पर मारकर खत्म कर दिया जाता है।
इसमें जानवर को दर्द नही होता और ना ही वो तड़पता है।
हलाल या झटका क्या अच्छा होता है
अगर साइंस के नजरिए से देखा जाए तो हलाल मीट स्वास्थ के लिए नुकसानदायक होता है।
हलाल करते समय जानवर के गर्दन की नस काटकर उसको तड़पने के लिए छोड़ दिया जाता है जिसके कारण जानवर में घबराहट, दर्द और घुटन होती है।
इस वजह से जानवर के शरीर में एड्रेनिल और अन्य हार्मोन बहुत तेजी से निकलते हैं जो की पूरे शरीर में फैल जाते हैं।
हलाल करते वक्त जानवर को बहुत कष्ट होता है और इस वक्त एड्रेनिल और डोपामिन हार्मोन 40 गुना अधिक तेजी से निकलते हैं जिनकी मात्रा मानव स्वास्थ के लिहाज से हानिकारक होती है।
लुइसियाना एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए कई शोध में पता चला है की हलाल मीट को खाने से हमारे पेट में अल्सर होने शुरु हो जाते हैं जिसकी वजह से लोगों को पेट और लिवर की समस्या शुरू हो जाती है।
इसके अलावा हलाल मीट खाने से शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बहुत तेजी से बढ़ती है जो की हृदय के लिए बहुत नुकसान दायक होती है।
हलाल मीट खाने से बच्चों में प्यूबर्टी जल्द आने लगती है जिसकी वजह से बच्चे कम उम्र में ही वयस्क होने लगते हैं।
इसके अलावा लोगों में यह धारणा है की हलाल मीट में खून निकल जाता है जिसकी वजह से मीट साफ रहता है और जानवर के शरीर की गंदगी निकल जाती है।
जबकि ऐसा कुछ नहीं होता, चाहें वो हलाल हो या झटका दोनों में खून की मात्रा शरीर में रहती ही है।
इससे स्वाद में भी कोई फर्क नहीं पड़ता, अगर कोई ये कहता है की हलाल का मीट का स्वाद अच्छा होता है तो यह सिर्फ मन का भ्रम है।
स्वाद मीट का नहीं बल्कि मसाले और बनाने के तरीके पर निर्भर करता है।
हलाल मांस का विरोध एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट भी करते हैं क्योंकि इसके जानवर को बहुत दर्द होता है।
अब तो आपको समझ में आ ही गया होगा की हलाल या झटका में झटका मीट अधिक अच्छा होता है। विज्ञान की दृष्टि से अगर देखा जाये तो हलाल या झटका में झटका मांस अधिक सुरक्षित है और आपको नुकसान नहीं पहुंचाता है।
वैसे आप कोशिश करें की किसी जानवर को मारकर ना खाएं और अगर आपकी मजबूरी है तो झटका मीट ही खाएं क्योंकि यह आपके स्वास्थ के लिए भी अच्छा है।
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बहुत बढ़िया जानकारी