पृथ्वी पर जीवन सूर्य के कारण ही संभव है और सूर्य की रोशनी की वजह से ही पेड़ पौधे और समुद्री शैवाल ऑक्सीजन बनाते हैं। पृथ्वी पर गर्माहट सूर्य के कारण ही रहती है, दिन रात होना, मौसम का बदलना और भी ना जाने कितनी प्राकृतिक घटनाएं सूर्य की वजह से ही होती हैं। बिना सूर्य (Sun Disappeared) के पृथ्वी पर जीवन असंभव हो जाएगा और शायद यही कारण है की हमारे धर्म में सूर्य को देवता मान कर उसकी पूजा की जाती है।
अगर अचानक से सूर्य गायब हो जाए तो इसका धरती पर क्या प्रभाव पड़ेगा, आईए समझते हैं।
सूर्य के गायब (Sun Disappeared) होने का पृथ्वी पर प्रभाव
शुरू के 8 मिनट तो हमको पता ही नहीं चलेगा की सूर्य गायब हो गया है। क्योंकि सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट लग जाते हैं।
फिर धीरे-धीरे शाम होनी शुरू हो जाएगी और कुछ देर बाद पूरी तरह अंधेरा हो जायेगा। सारे जीव समझ नहीं पाएंगे की अचानक से क्या हो गया।
नासा के वैज्ञानिक फिर सूर्य के गायब होने की घोषणा करेंगे और सारे न्यूज चैनल बस इसी के पीछे पड़ जायेंगे। धरती पर अनंत अंधकार छा जायेगा।
सूर्य के बिना (Sun Disappeared) एक दिन
सूर्य के बिना (Sun Disappeared) पहला दिन बहुत ही अफरा तफरी में बीतेगा।
सब परेशान रहेंगे की हुआ क्या है और सब धर्म और मजहब के लोग अपने अपने ईश्वर की प्रार्थना में लग जायेंगे, सबको लगेगा की प्रलय आने वाली है।
दिन रात होना बंद हो जायेगा और सब जगह सिर्फ रात ही रात रहेगी।
हम सिर्फ तारों को देख पाएंगे।
चन्द्रमा भी नहीं दिखाई देगा क्योंकि चन्द्रमा भी सूर्य की रोशनी से ही चमकता है।
सूर्य के बिना (Sun Disappeared) पहला सप्ताह
सूर्य के बिना धरती का तापमान कम होने लगेगा और औसत तापमान लगभग 0°C के समीप पहुंच जाएगा।
हर जगह कड़ाके की ठंड पड़ रही होगी।
हालंकि पृथ्वी पर ऑक्सिजन उपलब्ध रहेगी और जीवन अभी बचा रहेगा।
लोग अपने आपको अभी भी इस स्थिति में ढाल नहीं पा रहे होगें।
हर जगह बहुत ही खराब माहौल रहेगा।
सूर्य के बिना (Sun Disappeared) दूसरा सप्ताह
पृथ्वी धीरे-धीरे और ठंडी होने लगेगी और आपको लगेगा की आइस ऐज आ गया है।
धीरे-धीरे पौधे सूखने लगेंगे और कई प्रकार के कीड़े, पक्षियों और जानवरों की मौत होने लगेगी।
हालांकि अभी भी आक्सीजन पर्याप्त मात्रा में होगी और मनुष्य अपने कामों में लगे होने के साथ साथ खाना और जरूरत के सामान को इखट्टा करने में लगा होगा।
सूर्य के बिना (Sun Disappeared) एक साल
सूर्य के बिना एक साल बीतने पर जीवन बहुत ही कठिन हो जायेगा।
धरती का तापमान माइनस 100 °C के पास होगा और नदी, समुद्र सब जम गए होगें।
पृथ्वी पर सारे सागरों के ऊपर बर्फ की परत जम जायेगी और उस परत के नीचे पानी होगा।
जिसके अंदर समुद्री जीव जो खुद को इस अवस्था में ढाल लिए होंगे वो जिंदा होगें।
सिर्फ न्यूक्लियर पावर से चलने वाले ऊर्जा के स्रोत ही बिजली पैदा कर रहे होगें।
पृथ्वी पर मौजूद जनसंख्या का 90% जीवन खत्म हो चुका होगा।
सूर्य की रोशनी के बिना फसल नहीं हो पाएगी और हर जगह आकाल पड़ा होगा।
सिर्फ कृत्रिम तरीके से ही फसल उगाई जा रही होगी और वो भी न्यूक्लियर रिएक्टर से मिलने वाली बिजली के कारण। लोगों का धर्म, मजहब से विश्वास उठ चुका होगा।
सूर्य के बिना (Sun Disappeared) दो साल
पृथ्वी का तापमान माइनस 300°C के भी नीचे पहुंच जाएगा और इस तापमान पर ऑक्सीजन खत्म हो जाएगी। ऑक्सीजन खत्म तो जीवन खत्म।
पृथ्वी का वातावरण गायब हो जायेगा और अंतरिक्ष से आने वाली हानिकारक रेडियेशन पृथ्वी पर जीवन की बची खुची संभावना को भी समाप्त कर देगी।
लेकिन समुंद्र के अंदर का कुछ जीवन अभी भी शेष रहेगा।
क्योंकि बर्फ की परत के नीचे ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध रहेगा। पृथ्वी बर्फ का एक गोला बन जायेगी।
पृथ्वी पर सूर्य ना होने (Sun Disappeared) का दूसरा पहलू
ऊपर लिखी हुई सारी कल्पनाएं तभी संभव है जब सूर्य के ना होने पर पृथ्वी किसी और ग्रह या ब्रहस्पति में समा ना जाएं।
क्योंकि जैसे ही सूर्य गायब होगा उसके 8 मिनिट्स के बाद ही सोलर सिस्टम का सारा क्रम बिगड़ जाएगा।
सारे ग्रह या तो अनंत ब्रह्मांड में किसी अन्य तारे की ओर जाने लगेंगे या फिर ब्रहस्पति में समा जायेंगे या ब्रहस्पति के चक्कर लगाने लगेंगे।
वैसे अभी सूर्य के खत्म होने में करोड़ों साल बाकी हैं। इसलिए जो जीवन है उसका आनंद उठाइए।
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