इंडिया के मैच हारने के बाद भी सचिन को मिला था मैन ऑफ द मैच, जानिए कौन सी थी पारी

 

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सचिन को वर्ल्ड क्रिक्रेट का भगवान कहा जाता है। सचिन ने अपने दम पर भारत के क्रिकेट को इस ऊंचाई पर पहुंचाया है। 

 
सचिन ने बहुत से अविस्मरणीय पारियां खेली हैं। 6 बार ऐसा हुआ है जब सचिन को हारने के बावजूद मैन ऑफ द मैच पुरस्कार मिला था
 
आज हम सचिन की उन पारियों में से एक पारी का जिक्र करेंगे जिसकी बदौलत भारत के मैच हारने के बावजूद सचिन को मैन ऑफ द मैच पुरुस्कार मिला था।
 

इंडिया vs ऑस्ट्रेलिया

भारत और आस्ट्रेलिया के बीच 5 वनडे मैच की सीरीज का आखिरी मैच 5 नवंबर सन् 2009 को हैदराबाद में खेला जा रहा था। 
 
आस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए चार विकेट पर 350 का विशालकाय स्कोर बनाया। 
 
आस्ट्रेलिया की तरफ से शॉन मार्श ने शानदार 112 रन और शेन वॉटसन ने 93 रन बनाए थे। 
 
आखिर में आकर कैमरन व्हाइट ने ताबड़तोड़ 57 रन सिर्फ 33 गेंद पर बना डाले जिसमें 5 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। 
 
रिकी पॉन्टिंग ने नाबाद 45* और माइकल हसी ने नाबाद 31* रन बनाए थे। 
 
भारत के गेंदबाजों में हरभजन सिंह को छोड़कर सारे गेंदबाज बहुत मार खाए थे। 
 
प्रवीण कुमार ने 2 विकेट, आशीष नेहरा ने 1 विकेट और हरभजन सिंह ने 1 विकेट लिया था। 

भारत की पारी

भारत की तरफ से सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने पारी की शुरुआत की। सहवाग और सचिन ने भारत को बेहतरीन शुरुआत दी। 
 
भारत का स्कोर 8.5 ओवर में 66 रन था तभी सहवाग का 38 रन के स्कोर पर विकेट गिरा। 
 
सहवाग ने 5 चौके और 1 छक्के की सहायता से 30 गेंदों में 38 रन बनाए। 
 
सहवाग के बाद भारत ने गौतम गंभीर, युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी के विकेट बहुत ही जल्दी गिरा दिए। 
 
सचिन दूसरे छोर पर अपना नैचुरल गेम खेल रहे थे और वो लगातार आस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को धोए जा रहे थे। 
 
सचिन ने सुरेश रैना के साथ मिलकर भारत को लगभग जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया था। 
 
किसी को भी नहीं यकीन था की भारत इतना बड़ा स्कोर के करीब भी पहुंच पाएगा। 
 
जब भारत का स्कोर 299 था तभी सुरेश रैना शेन वॉटसन की गेंद पर आउट हो गए। 
 
सुरेश रैना ने 59 गेंदों पर 59 रन बनाए जिसमें 3 छक्के और 3 चौके शामिल थे।
 
भारत को अब 45 गेंद पर सिर्फ 52 रन बनाने थे और सचिन जिस तरह से बैटिंग कर रहे थे तो लग रहा था की भारत ये मैच आसानी से जीत जाएगा। 
 
रैना के आउट होने के बाद हरभजन सिंह आए जो एक बहुत ही लापरवाही भरा शॉट खेल कर आउट हुए। 
 
भारत का स्कोर था 300/6 और क्रीज पर थे सचिन तेंदुलकर और रविंद्र जडेजा। 
 
रविंद्र जडेजा दूसरे छोर से रन नहीं बना पा रहे थे जिसकी वजह से चेसिंग रन रेट बढ़ता जा रहा था और ना ही जडेजा सचिन को स्ट्राइक दे पा रहे थे। 
 
सचिन पर बहुत दवाब था लेकिन तभी रन रेट बढ़ाने के चक्कर में सचिन ने एक अनर्थोडॉक्स शॉट खेला और मैके की गेंद पर हौरित्ज को कैच दे बैठे। 
 
पूरे स्टेडियम में सन्नाटा छा गया, सिर्फ आस्ट्रेलिया के प्लेयर्स की ही आवाज सुनाई दे रही थी। 
 
स्टेडियम मे कई लोगों के आंखो में आंसू थे। सचिन खुद अपने इस शॉट से बहुत नाराज थे और भारी मन से पवेलियन लौट रहे थे। 
 
सचिन ने 141 गेंद पर शानदार 175 रन बनाए थे जिसमें 19 चौके और 4 छक्के शामिल थे। 
 
जब सचिन आउट हुए तब भारत का स्कोर था 332 रन और अब भारत को 17 गेंद में 18 रन बनाने थे। 
 
किसी को भी नहीं यकीन था की यह मैच इतना करीब हो जायेगा। रविंद्र जडेजा ने बहुत ही लापरवाही रन लेकर खुद को आउट करवा लिया। 
 
अगर रविन्द्र जडेजा आराम से खेलता तो भारत ये मैच जीत सकता था। 
 
उसके बाद प्रवीण कुमार और आशीष नेहरा कुछ ज़्यादा नहीं कर पाए और भारत यह मैच सिर्फ 3 रन से हार गया। 
 
347 रन पर पूरी भारत की टीम ऑल आउट हो गई और सचिन तेंदुलकर द्वारा खेली गई एक मैराथन पारी बेकार हो गई। 
 
सचिन तेंदुलकर ने इतनी अविश्वसनीय पारी खेली थी की मैच हारने के बावजूद सचिन को मैन ऑफ द मैच का सम्मान दिया गया। 
 
किसी ने सही कहा है की कुछ प्रदर्शन जीत के लिए नहीं यादों के लिए होते हैं।
 
 
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