गोल्डन ब्लड क्या है और ये ब्लड ग्रुप इतना दुर्लभ क्यों है | What is golden blood in hindi

 

golden blood group kya hota hai, rare blood group, golden blood in hindi


जब भी कभी किसी के परिवार में किसी को खून चढ़ाने (Golden blood group in hindi) के जरूरत पड़ती है तो उसी ब्लड ग्रुप के व्यक्ती को खोजा जाता है। 

कई बार लोगों के ब्लड ग्रुप ऐसे होते हैं जो बहुत ही मुश्किल से मिलते हैं। खासकर सारे नेगेटिव ब्लड ग्रुप। 

सामान्यता ब्लड ग्रुप होते हैं A, B, AB और O और इन ब्लड ग्रुप के निगेटिव ब्लड ग्रुप भी होते हैं जो आसानी से नहीं मिलते। 

लेकिन एक ब्लड ग्रुप ऐसा है जो किसी भी नेगेटिव और पॉजिटिव ब्लड ग्रुप वाले को चढ़ाया जा सकता है। आइए जानते हैं इस ब्लड ग्रुप के बारे में

विश्व में सिर्फ 43 लोगों का ही है ये ब्लड ग्रुप Golden blood group in hindi


जी हां, सही पढ़ा आपने, पूरी दुनियां में सिर्फ 43 लोगों के पास ही है ये ब्लड ग्रुप। इस ब्लड ग्रुप को “गोल्डन ब्लड या Rh null” बोला जाता है।


क्या होता है Rh Factor


Rh (Rhesus) फैक्टर एक प्रोटीन होता है जो इंसान के रेड ब्लड सेल्स के बाहरी भाग में पाया जाता है। 

जब ये प्रोटीन आपके रेड ब्लड सेल्स के बाहरी भाग में होता है तो उसे Rh पॉजिटिव ब्लड बोला जाता है और जिन लोगों के रेड ब्लड सेल्स के बाहरी भाग में ये प्रोटीन नहीं पाया जाता उन्हें Rh नेगेटिव ब्लड बोला जाता है।


यह ब्लड ग्रुप किसी भी ग्रुप वाले व्यक्ती को चढ़ाया जा सकता है। यह सारे ब्लड ग्रुप से आसानी से मैच हो जाता है। 

पूरे विश्व में सिर्फ 43 लोगों का ब्लड ग्रुप ही “Rh Null या गोल्डन ब्लड” है। यह ब्लड ग्रुप जिन लोगों का है वो लोग अमेरिका, जापान, कोलंबिया और ब्राजील के हैं। 

यह ब्लड ग्रुप को जमा किया जाता है ताकि अगर इन 43 लोगों में किसी को भी इस ब्लड ग्रुप की आवश्कता पड़े तो उनको खून दिया जा सके। 

इन 43 लोगों में से सिर्फ 9 लोग ही सक्रिय रूप से ब्लड डोनेट करते हैं।

 

👇👇👇 

 

मरीज को वेंटिलेटर पर क्यों लगाया जाता है और क्या वेंटीलेटर पर जाने के बाद मरीज बच सकता है 

 

👆👆👆

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *