अब तक हम पढ़ते आएं हैं की पेड़ पौधे हमे ऑक्सीजन देते हैं और हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए
ताकि हमारे वायुमंडल में ऑक्सीजन की समुचित मात्रा बनी रहे लेकीन अगर मैं आपको ये बताऊं की पेड़ पौधे हमारे वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन में सिर्फ 20% से 25% तक ही योगदान करते हैं
और बाकी की ऑक्सिजन की आपूर्ति कोई और करता है तो आपको यकीन नहीं होगा।
तो चलिए आज आपको बताते हैं की बाकी की 75 से 80 प्रतिशत ऑक्सीजन धरती पर कहां से आती है।
समुंद्र का ये जीव देता है ऑक्सीजन
हमारी पृथ्वी की 75 से 80 प्रतिशत ऑक्सिजन समुंद्र से आती है। समुंद्र में पाए जानें वाले Phytoplankton यानि की पादप प्लवक जिन्हें हम माइक्रो एल्गी भी कहते है यह ऑक्सीजन बनाने में सबसे ज्यादा योगदान देते हैं।
इन पादप प्लवक (Microalgae) में पौधों की तरह ही क्लोरोफिल होता है और इनको भी जीवित रहने और बढ़ने के लिए सूरज की रोशनी की जरूरत होती है।
ज्यादातर पादप प्लवक (Microalgae) पानी के ऊपर तैरा करते हैं ताकी उनको सूरज की रोशनी मिल सके।
यह समुद्र के इकोसिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। बिना पादप प्लवक (Microalgae) के हमारी पृथ्वी में ऑक्सिजन की कमी हो जायेगी और पूरी पृथ्वी का वातावरण बिगड़ जायेगा।
Phytoplankton पादप प्लवक (Microalgae) को अपने भोजन बनाने के लिए नाइट्रेट, फॉस्फोरस और सल्फर चाहिए होता है जिसको ये Phytoplankton पादप प्लवक (Microalgae) प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट में बदल लेते हैं।
Phytoplankton पादप प्लवक (Microalgae) कई सारे समुंद्री जीवों के लिए भोजन प्रदान करते हैं जैसे झींगा, घोंघा और जेलीफिश ईत्यादि।
लेकिन बढ़ते प्रदूषण के कारण अब इनका अस्तित्व खतरे में आ गया है।
अगर हमको अपनी धरती मां को बचाना है तो प्रदूषण को खत्म करना होगा अन्यथा जिस दिन ये Phytoplankton पादप प्लवक (Microalgae) समुंद्र से खत्म हो गए हमारी अर्थ पर जीवन भी खत्म हो जाएगा।
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