बलगम का रंग देता है आपके स्वास्थ्य की जानकारी, आइए जानते हैं कैसे

 

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जब
भी हमें कफ या बलगम आता है तो हमको लगता है की ये किसी बीमारी के कारण है,
जबकि ऐसा नहीं होता। बलगम हमारे फेफड़ों और नाक के अंदर मौजूद बीमारी के
वाहकों को अपने साथ निकालता है। 

बलगम
बनने का मुख्य उद्देश्य नाक के रास्ते में नमी बनाए रखना होता है ताकि
धूल, मिट्टी, वायरस, बैक्टीरिया और एंटीजन को हमारे फेफड़ों से दूर रख
सकें। सफ़ेद और पतला बलगम स्वस्थ होने की निशानी है। 

लेकिन
जब ये गाढ़ा और अलग अलग रंग का आने लगता है तो यह बीमारियों का संकेत होता
है। आईए जानते हैं की किस रंग का बलगम किस बीमारी को दर्शाता है।

 


काला
बलगम का मतलब है की आपने सांस के माध्यम से काफी सारा प्रदूषण अपने अंदर
लिया हुआ है। जब आप किसी प्रदूषण वाले जगह पर रहते हैं तो आपका बलगम कला हो
जाता है। इसके अलावा काला बलगम साइनस में संक्रमण या फंगस संक्रमण को
दर्शाता है। 

गुलाबी बलगम  


लाल
या गुलाबी बलगम का मतलब है की आपका हार्ट ढंग से काम नहीं कर पा रहा।
गुलाबी या लाल बलगम टीबी और कैंसर का लक्षण भी होता है। आपको फौरन डॉक्टर
को दिखाने की जरूरत है। 

गाढ़ा पीला और हरा बलगम  


गाढ़ा
पीला और हरा बलगम टीबी, निमोनिया या किसी इंफेक्शन का संकेत होता है। यह
ब्रोंकाइटिस के कारण भी हो सकता है। अगर इस गाढ़ा पीला और हरा बलगम के साथ
बदबू भी आए तो इसका मतलब है की आपको बैक्टिरियल इंफेक्शन हुआ है। आपको किसी
चेस्ट फिजिशियन से फौरन मिलना चाहिए।
 

सोने के रंग का चिपचिपा बलगम  


अगर आपको गोल्ड कलर का चिपचिपा बलगम आता है तो इसका मतलब है की आपको फंगल साइनासाइटिस है। यह निमोनिया को भी दर्शाता है।

सफेद रंग का बलगम  


सफेद
रंग का बलगम हमें सर्दी जुकाम, COPD या फिर अस्थमा में आता है। ज्यादातर
मामलों में हल्के इंफेक्शन होने की स्थिति में ही सफेद बलगम आता है।
 
 
 
 
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