बिना सोये इंसान कितने दिन तक जिन्दा रह सकता है, आइये जानते हैं

 

Can you die from no sleep,Can a human go without sleep for 3 days,Can you go 48 hours without sleep,Can 10 days without sleep kill you


सोना हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ के लिए बहुत आवश्यक है। बिना खाए हम 2 माह तक जिंदा रह सकते हैं और बिना पिए हम हफ्ते भर से 10 दिन तक लेकिन बिना सोए हम सिर्फ अधिकतम 12 दिन तक ही जिंदा रह सकते हैं। हमें प्रतिदिन 8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए। 
 
जब कभी हमारी नींद पूरी नहीं होती तो सुबह हमें बड़ा अजीब सा लगता है। सर दर्द किया करता है और सर भारी भारी सा लगता है। किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता। 
 
लेकिन अगर आपसे बोला जाए की आपको एक महीने तक लगातार जागना है तो आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते की आप किस हालात में होंगे। आईए जानते हैं की क्या होगा अगर हम कई दिनों तक ना सोएं।


हम बिना सोए कितने दिनों तक जिंदा रह सकते हैं इसका पता लगाने के लिए रूस ( सोवियत संघ) ने 1940 में विश्व युद्ध के दौरान पांच युद्ध बंदियों पर एक प्रयोग किया था। 
 
इस प्रयोग का रिजल्ट इतना भयावह था की इस एक्सपेरिमेंट के खत्म होने के पहले ही पांचों कैदियों को मारना पड़ा था। सन् 1940 में सोवियत यूनियन ने एक प्रयोग डिजाइन किया जिसमें उन्होंने पांच कैदियों को 30 दिन तक एक कमरे में बंद करके रखना था और शर्त यह थी कि जो भी 30 दिन तक जगता रहा उसे कैद से छोड़ दिया जायेगा।

कैसे किया गया था वो एक्सपेरिमेंट


पांच युद्धबंदियों को एक बड़े कमरे में रखा गया जहां उनको खाने,पीने और पड़ने से लेकर हर तरह की सुविधाएं दी गईं। लेकिन उनके सोने या बैठने की कोई व्यस्था नहीं की गई। 
 
साथ ही जिस कमरे में उनको रखा गया उस कमरे में दो वन वे विजन वाले शीशे भी लगाए गए ताकि उन कैदियों पर नज़र रखी जा सके। कैदियों को नींद ना आए इसके लिए एक एक्सपेरिमेंटल गैस भी थोड़ी थोड़ी देर में उस कमरे में छोड़ी जाती ताकि उन्हें जगाए रख सकें।

क्या था इस एक्सपेरिमेंट का नतीजा


शुरू में तो कैदियों में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिला लेकिन पांच दिन बाद से कैदियों में बेचैनी बढ़ती गई। 9 वें दिन तक आते आते सभी कैदी पागलों की तरह चिल्लाने लग गए और कैदी इतनी जोर से चिल्लाते थे की उनमें से कई के वोकल कॉर्ड फट गए। 
 
कैदी अजीब तरह से चिल्लाते और अजीब सा बड़बड़ाया करते। एक दो दिन बाद वो कमरा पूरा शांत हो गया। रिसर्च करने वालों ने जब एक कैदी से बात करनी चाही तो उसने ने मना कर दिया और बोला की वो आजाद नहीं होना चाहता। 
 
यह सुनकर रिसर्च करने वाली टीम जब उस कमरे के अंदर गई तो उन्होने देखा की कमरे में चारों तरफ खून और मांस के लोथड़े पड़े हुए थे। जो खाना कैदियों को दिया गया था वो खाना उन्होनें छुआ तक नहीं। 
 
कैदी एक दूसरे के मांस के टुकड़े खा रहे थे। सारे कैदी बुरी तरह लहूलुहान थे। यह सब देख कर रिसर्च टीम के होश उड़ गए और उन्होंने सभी कैदियों को तुरंत बाहर निकाला, 2 कैदी बाहर आने को तैयार ही नहीं हो रहे थे। बड़ी मुश्किल से उन कैदियों को मार्फिन के 8 इंजेक्शन लगा कर काबू में किया गया। 
 
इस ईलाज के दौरान 3 कैदियों की जान चली गई और बाकी दो कैदियों को वापस उसी कमरे में बंद कर दिया गया। हालांकि चीफ कमांडर इस एक्सपेरिमेंट को जारी रखना चाहता था। इसलिए उसने 3 रिसर्चर की टीम को भी उन बचे हुए 2 कैदियों के साथ रखा गया ताकि वो इनपर नजर रख सकें। 
 
लेकिन दोनों कैदियों की हरकतों की वजह से एक रिसर्चर बहुत बुरी तरह डर गया और उसने बाकी दोनों कैदियों को गोली मार दी। इस घटना के बाद यह एक्सपेरिमेंट रोक दिया गया।

इस एक्सपेरिमेंट की पूरी जानकारी क्रिपीपास्ता विकी नामक वेबसाइट में 2009 में प्रकाशित हुआ था। हालांकि रूस ने ऐसे किसी भी एक्सपेरिमेंट के दावे को खारिज कर दिया था।

लेकिन यह एक्सपेरिमेंट दिखाता है की लगातार 11 दिन तक ना सोना आपको पागल कर सकता है और अंत में आप की मौत हो जायेगी।


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