बेलपत्र का वैज्ञानिक नाम क्‍या है और बेलपत्र के चमत्कारी उपाय बताएं

 

शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाने चाहिए


बेलपत्र का वैज्ञानिक नाम – बेलपत्र का वैज्ञानिक नाम Aegle Marmelos  है।  

बेलपत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है, और हम शिव जी बेल पत्र चढ़ाते हैं।

बेलपत्र का उपयोग हमलोग धार्मिक कार्यों में सदियों से करते आ रहें है। 

लेकिन क्या आपको पता है की बेलपत्र का उपयोग औषधि के रुप में भी किया जाता है। 

आइए आज हम जानते हैं बेलपत्र के धार्मिक, वैज्ञानिक और औषधीय फायदे।

बेलपत्र के औषधीय गुण

बेलपत्र सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। बेलपत्र में ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स होते हैं। 

बेलपत्र डायबिटीज, दिल से संबंधित बीमारियों और उच्च रक्तचाप में बहुत फायदा करता है।

बेलपत्र को पीस कर चेहरे पर लगाने से दाग धब्बे से छुटकारा मिल जाता है और चेहरे पर नैचुरल ग्लो आ जाता है।

बेलपत्र को पीस कर पीने से हेयर फॉल की समस्या दूर होती है। (कृपया इसको पीने की सही जानकारी अपने वैध से प्राप्त करें)

अगर कभी आपको बर्रिया या मधुमक्खी काट ले तो बेल के पत्तों का लेप लगाने से जलन में आराम मिलता है। बुखार होने पर बेलपत्र के काढ़े का सेवन करने से बुखार जल्द उतर जाता है।

यदि किसी को मुंह के छाले हो जाएं तो बेलपत्र को चबाने से मुंह के छाले बहुत जल्द ठीक हो जाते है।

सर्दी, जुकाम या बुखार होने पर बेलपत्र को पीस कर शहद मिला कर खाने से बहुत जल्द फायदा मिलता है।

पेट में कीड़े होने पर बेलपत्र का रस पिलाने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।

बेलपत्र के चमत्कारी उपाय

बिल्वपत्र वायुमंडल में व्याप्त अशुद्धियों को सोख लेता है और वातावरण को शुद्ध बनाता है।

बिल्व वृक्ष के आस पास सांप नहीं आते।

हिंदू धर्म में माना गया है कि अगर कोई शव यात्रा विल्व वृक्ष के नीचे से हो कर गुजरे तो उस इंसान को मोक्ष प्राप्त हो जाता है।

छह या सात पत्तो वाले विल्व पत्रक पाने वाले परम भाग्यशाली होते हैं और इसे शिव जी को अर्पित करने से अनंत गुना फल मिलता है।
 
बेल का वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है तथा काटने से वंश का विकास रुक जाता है।
 
सुबह शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापो का नाश होता है।

बेल के पेड़ को पानी देने से पितृ तृप्त हो जाते हैं।

बेल वृक्ष और सफेद आक् के जोड़े को लगाने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

बेल पत्र और तांबा धातु के एक विशेष प्रयोग से साधु स्वर्ण का उत्पादन करते थे।

शिव जी को अगर भूल से भी बेल पत्र चड़ा दिया तो भी आपके सारे पापो से मुक्ति मिल जाएगी। इसका वर्णन शिव महा पुराण में भी है।

बेल वृक्ष को लगाने से शिव जी जल्द प्रसन्न होते हैं। 
 

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