भरी महफिल में जब अमर सिंह ने कांग्रेसी नेता की कर दी थी कूटाई !

 

amar singh aur mani shankar ayyar ki ladai


भारतीय राजनीति कभी भी दूध की धुली नहीं रही और यहां हमेशा अकल्पनीय कांड होते रहें हैं। आज हम चर्चा करेंगे ऐसे ही एक घटना की जो भारतीय राजनीति का काला चेहरा उजागर करती है। 

इस घटना का संबंध अमर सिंह और कांग्रेस के नेता मणि शंकर अय्यर से है। उस रात को अमर सिंह ने मणि शंकर अय्यर को जूतों से खूब पीटा था।

ये बात नवंबर 2000 की है। एक जाने माने चित्रकार सतीश गुजराल जी ने पत्रकार एच के दुआ की विवाह के उपलक्ष्य में दिल्ली में एक पार्टी का आयोजन किया था। 
 
भारतीय राजनीति के बहुत ही नामी गिरामी लोग उसमे आए थे। शराब का दौर चल रहा था और वैसे भी शराब के दौर में लोगों का बहकना बहुत ही आम बात है भारतीय राजनीति में। 
 
उस वक्त मणिशंकर अय्यर नशे में अमर सिंह के पास पहुंच गए। ओर उनको अपशब्द सुनाने लगे। इसका भी एक कारण था की क्यों मणिशंकर अय्यर, अमर सिंह के पास पहुंच कर इस तरह का व्यवहार कर रहे थे। 
 
ये बात है तब की जब बाजपई जी की सरकार सदन में एक मत से गिरा दी गई थी और कॉन्ग्रेस की अध्यक्षा होने के नाते सोनिया गांधी का प्रधानमंत्री बनना तय हो गया था खुद सोनिया गांधी भी बहुत खुश थीं।
 
लेकिन उसी वक्त मुलायम सिंह यादव जी ने ये कह कर मामला फसा दिया की भारत का प्रधानमंत्री बनने का हक उसी का है जो इस देश में पैदा हुआ हो। 
 
बिना मुलायम सिंह के समर्थन के कॉन्ग्रेस सरकार बना भी नही सकती थी। फिर भी सोनिया गांधी ने हिम्मत नहीं हारी और वो उन्होंने २४२ सांसदों के समर्थन से राष्ट्रपति के समक्ष अपनी दावेदारी पेश की। 
 

राष्ट्रपति नारायणन की मज़बूरी


लेकिन राष्ट्रपति नारायणन मजबूर थे और वो चाहते हुए भी सोनिया जी को प्रधान मंत्री नही बनवा सकते थे क्योंकि ठीक तेरह महीने पहले जब अटल जी को सरकार बनानी थी तो उन्होंने तब तक अटल जी को आमंत्रण नहीं दिया था जब तक जयललिता के समर्थित सांसदों ने उन्हें अपन समर्थन पत्र नहीं दे दिया। क्योंकि जयललिता को मनचाहा पद चाहिए था। 
 
इसी तरह जब तक मुलायम सिंह जी अपना समर्थन पत्र नहीं दे देते तब तक सोनिया गांधी के लिए प्रधानमंत्री बनना संभव नहीं था। इस कारणवश कांग्रेसी मुलायम जी से नाराज हो गए और उन्हें अपमानित करने का कोई मौका नहीं गंवाते थे।
 
अब बात करते है उस पार्टी की, मणि शंकर अय्यर जिन्होंने अच्छी खासी लगा रखी थी वो सीधे अमर सिंह के पास पहुंच गए, उस वक्त अमर सिंह दो चार गेस्ट से बात कर रहे थे, और वो अमर सिंह के ऊपर चिल्लाने लगे और बोले ” तुम एक नस्लवादी हो तुमने सोनिया जी को केवल इसलिए प्रधानमंत्री बनने से रोका क्युकी वो विदेशी थीं”
 
इस पर अमर सिंह जी ने बोला की ” मैंने तो सिर्फ पार्टी और पार्टी सदस्यों द्वारा निर्णय आपको बताया”
इस बात पर मणि शंकर अय्यर बौखला गए और व्यतिगत हमला करने लगे। वो बोले की ” तुम दलाल और अंबानी के कुत्ते हो”
 
इस पर अमर सिंह ने पलट कर जवाब दिए की ” ये तुम नहीं तुम्हारी शराब बोल रही है”
 मणि शंकर अय्यर को लगा की ये भी बात काम नहीं कर रही क्युकी वो अमर सिंह को उकसाना चाहते थे, तो उन्होंने अमर सिंह को मां की गाली देनी शुरू कर दी। 
 
 अमर सिंह ने फिर भी संयम बना कर बोला की ” मणि मैं भी तुम्हारे स्तर पर गिर सकता हूं लेकिन भगवान के लिए मेरे अंदर के शैतान को मत जगाओ”
 
लेकिन मणि शंकर अय्यर पर तो जैसे शराब का भूत सवार था। उन्होंने अमर सिंह से कहा ” हम लोग हॉवर्ड और ऑक्सफोर्ड के पढ़े हैं और तुम्हारे नेता को तो ठीक से इंग्लिश बोलनी भी नही आती, और वो मुलायम उसकी शक्ल तो मुझसे मिलती है, जरूर मेरे बाप ने कभी उत्तर प्रदेश की यात्रा की होगी। मुलायम की मां को ये पता होगा।

यह सुनते ही अमर सिंह का सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने कूद कर मणि शंकर अय्यर की गर्दन पकड़ ली और जमकर लातों घूंसो से पीटा। किसी ने भी बचाव की कोशिश नही की। 

इस घटना के बाद दो तीन महीने तक मणि शंकर अय्यर किसी सार्वजनिक कार्यक्रम से गायब रहे। इस घटना के बाद जब भी मणि शंकर अय्यर सदन में हल्ला मचाते थे तो लोग मजे लेते थे की बैठ जाओ नहीं तो अमर सिंह आ जायेगा।

 
 
 


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