साबूदाना किससे बनता है और साबूदाना शाकाहारी है या मांसाहारी | Sabudana Kisse Banta Hai

साबूदाना कीड़ों से बनता है, साबूदाना का पेड़ होता है क्या

 

साबूदाना कैसे बनता है – साबूदाना भारतीय घरों में व्रत में खाया जाने वाला भोजन है। 

इसमें कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में होता है इसलिए यह व्रत में शरीर को ऊर्जा देने के लिए सबसे अधिक उपयोग में लाया जाता है। साबूदाना को खिचड़ी या मीठा बना कर खाया जाता है। 

बहुत से लोगों के मन में साबूदाने को लेकर भ्रम रहता है की साबूदाना बनता कैसे है और क्या साबूदाना मांसाहारी होता है?

तो चलिए जानते हैं की साबूदाना बनता कैसे है और क्या साबूदाना शाकाहारी है या मांसाहारी

साबूदाना कैसे बनता है -Sabudana Kisse Banta Hai

ये मूल रूप से दक्षिणी अमेरिका में मिलता था। जिसे 19 शताब्दी में भारत लाया गया।

साबूदाना सागो पॉम (Cassava) नामक पेड़ के तने और जड़ में पाए जानें वाले गूदे से बनाया जाता है। 

यह टपिओका (Tapioca) नामक स्टार्च से बनाया जाता है जो कि कसावा (Sago palm) नाम की कंद के जड़ से मिलता है। 

यह जड़ बिल्कुल शकरकंद की तरह होती है। इस जड़ को निकालकर अच्छे से धो लिया जाता है। 

फिर धुली हुई जड़ को छील लिया जाता है और उसके बाद जड़ के गूदे को निकालकर बड़े बड़े पानी से भरे बर्तनों में रख दिया जाता है और हर हफ्ते बर्तनों का पानी बदल दिया जाता है। 

यह प्रक्रिया 6 महीने तक किया जाता है। इसके बाद इससे निकले सूखे गूदे (स्टार्च) को मशीन में डाल दिया जाता है जहां मशीन गूदे को साबूदाने में बदलकर गोल गोल कर देती है। 

साबूदाने का सबसे अधिक उत्पादन तमिलनाडु में सेलम में होता है।

sabudana shakahari hota hai ya mansahari


 

क्या साबूदाना मांसाहारी होता है

साबूदाना शाकाहारी होता है लेकिन छोटे पैमाने पर इसे उगाने वाले किसान जब इसकी जड़ को छील कर गूदे से स्टार्च निकलने की प्रक्रिया करते हैं तो उसे खुला ही छोड़ देते हैं जिसकी वजह से उसमे बहुत से कीड़े मकौड़े गिर कर मर जाते हैं और यह स्टार्च दूषित हो जाता है। 

इस प्रक्रिया में गूदे को बड़े-बड़े गड्ढों में महीनों तक सड़ाया जाता है। 

सबसे खास बात यह है कि ये गड्ढे पूरी तरह से खुले होते हैं, जिसमें ऊपर लगी लाइट्स की वजह से न केवल कई कीड़े-मकोड़े गिरते हैं, बल्कि सड़ें हुए गूदे में भी सफेद रंग के सूक्ष्म जीव पैदा होते हैं।  

अब इस गूदे को, बगैर कीड़े-मकोड़े और सूक्ष्म जीवों का लिहाज किए, पैरों से मसला जाता है जिसमें सभी जीव भी पूरी तरह से मिल जाते हैं और मावे की तरह आटा तैयार होता है। 

अब इसे मशीनों की सहायता से साबूदाने अर्थात छोटे-छोटे दाने तैयार होने की प्रक्रिया से गुजारा जाता है और पॉलिश किया जाता है।

जिसकी वजह से कई लोग इसे मांसाहारी मानते हैं। 

इसलिए जब भी आप साबूदाना खरीदे तो खुला ना खरीद कर किसी अच्छी कम्पनी का पैकेट में बंद और ब्रांडेड ही साबूदाना लें। 

बड़ी कम्पनियां साफ सफाई का बहुत ध्यान रखती हैं ताकि उनके ब्रांड की बदनामी ना हो।

 

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2 Comments

  1. बेनामी

    mansahari nahi hota ye galat jankari aapne di hai, ye ganji ya suthni ke aante ko bina sadaye bnaya jata hai, ye shuddh shakahari hai maine factory dekhi hai,

  2. आपने शायद पूरा पढ़ा नहीं, साफ साफ लिखा है की साबूदाना शाकाहारी होता है।

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