हमारे सौरमंडल के कौन से ग्रह पर हीरे की बरसात होती है

 

heere ki barish kahan hoti hai

ब्रह्मांड के अनगिनत रहस्यों में से अभी हम कुछ भी नहीं जान पाए हैं। 

 
जितना हम ब्रह्मांड के बारे में जानने की कोशिश करते हैं उतने ही नए रहस्य और नए प्रश्र हमारे सामने खड़े हो जाते हैं। 
 
अभी तक तो हम अपने सौरमंडल के बारे में ही पूरी तरह नहीं जान पाए हैं। 
 
मानव निर्मित सिर्फ एक उपग्रह वायजर ही अभी तक हम अपने सौरमंडल के बाहर भेज पाए हैं। 
 
हमारे ही सौर मंडल का एक ग्रह है जहां हीरों की बारिश होती है। 
 
आईए जानते हैं की हमारे सौमंडल का वो कौन सा ग्रह है जहां हीरों की बारिश होती है

नेपच्यून और यूरेनस पर होती है हीरों की बारिश

जी हां, सही सुना आपने! नेपच्यून और यूरेनस ये दो नीले ग्रह हैं जहां हीरों की बारिश होती है। 
 
इन दोनों ग्रहों पर मीथेन की बहुत अधिकता है जिसकी वजह से ये दोनों ग्रह नीले दिखाई देते हैं। 
 
मीथेन में कार्बन होता है और भारी दबाव में ये कार्बन क्रिस्टल के रूप में मीथेन से अलग हो जाता है। 
 
यूरेनस और नेपच्यून दोनों ग्रह का दबाव बहुत ज्यादा है जिसकी वजह से इन दोनों ग्रहों में मौजूद मीथेन कार्बन को अलग कर देती है और ये कार्बन भारी दबाव के चलते हीरे में बदल जाते हैं।
 
यूरेनस और नेपच्यून ग्रह का तापमान 7,000K के ऊपर होता है
और दबाव धरती पर महसूस होने वाले दबाव से 6 मिलियन गुना अधिक होता है। इतने
दबाव में कार्बन हीरे में परिवर्तित हो जाता है।

यूरेनस और नेपच्यून दोनों गैस से भरे हुए ग्रह हैं। इनके बाहरी वातावरण के 8,000 किलोमीटर अंदर ये बारिश होती है। 
 
चुंकी यहां इतना अधिक दबाव होता है की कार्बन के अणु हीरे के क्रिस्टल में बदल कर गिरा करते हैं। यह हीरे की बारिश इन ग्रहों पर लगातार हुआ करती है।
 
सिर्फ यूरेनस और नेपच्यून ही नहीं बल्कि शनि और जुपिटर के कुछ हिस्सों में भी भारी दबाव के चलते हीरों की बारिश होती है।
 
 
👇👇👇

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *