समय को हम दो भागों (am and pm full form in hindi) में करके पढ़ते हैं एक होता है AM यानी की रात 12 बजे के बाद से लेकर दिन में 12 बजे तक का समय और दूसरा होता है PM यानी की दिन 12 बजे के बाद से लेकर रात में 12 बजे तक का समय।
AM को हम एंटी मेरीडिएम (Ante Meridiem) कहते हैं और PM को हम पोस्ट मेरीडियम (Post Meridiem) कहते हैं।
यह लैटिन शब्द है और यह उन देशों में अधिक इस्तेमाल किया जाता है जहां 12 घण्टे वाला फॉर्मेट सबसे अधिक प्रचलन में हैं।
क्या है AM और PM का इतिहास History of AM and PM
AM : एंटी मेरिडियन (ante meridiam)
PM : पोस्ट मेरिडियन (post meridiam)
एंटी यानि पहले, लेकिन किसके?
पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके?
यह कभी साफ नहीं किया गया, क्योंकि यह चुराये गये शब्द का छोटा रूप था। देखिये कैसे
AM = आरोहनम् मार्तण्डस्य Aarohanam Martandasya
PM = पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasya
सूर्य, जो कि हर आकाशीय गणना का मूल है, उसीको गौण कर दिया। अंग्रेजी के ये शब्द संस्कृत के उस ‘मतलब’ को नहीं इंगित करते जो कि वास्तव में है।
आरोहणम् मार्तण्डस्य Aarohanam Martandasya यानि सूर्य का आरोहण (चढ़ाव)।
पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasya यानि सूर्य का ढलाव।
दिन के बारह बजे के पहले सूर्य चढ़ता रहता है – ‘आरोहनम मार्तण्डस्य’ (AM)।
बारह के बाद सूर्य का अवसान/ ढलाव होता है – ‘पतनम मार्तण्डस्य’ (PM)।
दुनियां के सारे देशों ने हमारी अधिकतर चीजें चुरा कर उस पर अपना टैग लगा कर हम पर वापस ही थोप दिया है।
हम जितना अपने वेद, मंदिर और संस्कृति को जानेंगे उतना ही हम विज्ञान को समझते जायेंगे।
हमारे प्राचीन मंदिरों की दीवारों पर की गई चित्रकारी ही सब कुछ कह देती है।
इसके अलावा आप पूरी दुनियां में कहीं भी खुदाई कर लें आपको प्राचीन मंदिर और देवी देवताओं की मूर्तियां मिल जाएंगी।
इतिहास झूठ हो सकता है क्योंकि यह लिखने वाले के विचार से प्रभावित रहता है लेकिन खुदाई में मिले अवशेष और मंदिरों में उकेरी गई चित्रकला कभी झूठ नहीं बोलेंगी।
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