क्या सच में अकबर के पिता का नाम हुमायूं था

 

अकबर के असली बाप का नाम क्या था

 

अभी तक हम इतिहास में पढ़ते आए हैं की अकबर के पिता का नाम हुमायूं था, अगर आप इतिहास का बारीकी से अध्यन करेंगे तो आपको सच्चाई पता चलेगी। 

अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 में अमरकोट के राजा वीरसाल के महल में हुआ था। 

सबसे हैरानी की बात ये है की अकबर के जन्म के 2 साल पहले तक हुमायूं की अपनी पत्नी हमीदा बानो बेगम से मुलाकात तक नहीं हुई थी। 

फिर अकबर हुमायूं का पुत्र कैसे, आईए खोजते हैं इतिहास के पन्ने

बिलग्राम का युद्ध (कन्नौज)

हुमायूं और शेरशाह सूरी के मध्य सन् 1540 में कन्नौज में गंगा नदी के किनारे एक भीषण युद्ध हुआ था, इसे बिलग्राम का युद्ध बोलते हैं। 
 
इसमें हुमायूं और शेरशाह दोनों की सेना गंगा नदी के किनारे बिना लड़े एक महीने तक खड़ी रहीं। 
 
दोनों सेनाओं में लगभग 2-2 लाख सैनिक थे। शुरू में तो हुमायूं की सेना गंगा नदी के तट पर खड़ी रही लेकिन धीरे धीरे करके उसका राशन खत्म होने लगा और यह बात शेरशाह बहुत अच्छी तरह जानता था। 
 
जब उसे लग गया की अब हुमायूं की सेना परेशान होने लगी है और खाना भी खत्म हो रहा है तो उसने हुमायूं की सेना पर आक्रमण कर दिया। 
 
इस युद्ध में हुमायूं बुरी तरह पराजित हुआ और मरते मरते बचा। शेरशाह सूरी ने हुमायूं को भारत से भागने पर विवश कर दिया। 
 
हुमायू भागते हुए अपने भाई हिंदाल के पास गया जहां उसने हमीदा बानो बेगम को देखा। 
 
हमीदा बानो बेगम हिंदाल की हरम में सेविका थी और उस वक्त उसकी उम्र महज 14 साल थी। 
 
हुमायूं ने उसे देखते ही पागल सा हो गया था। उसने हमीदा बानो बेगम से शादी का प्रस्ताव रखा लेकिन हमीदा बानो बेगम हिंदाल मिर्जा को पसंद करती थी। 
 
हुमायूं ने अपनी सौतेली मां और भाई हिंदाल से भी निकाह की बात की लेकिन सबने मना कर दिया। 
 
इस बात से हुमायूँ परेशान होकर उसने जबरदस्ती हमीदा बानो बेगम से शादी कर ली। 
 
जबकि हमीदा बानो बेगम को हुमायूं कभी पसंद नहीं था।
 

कैसे हुआ अकबर का जन्म

हुमायूं ने 29 अगस्त 1541 को हमीदा बानो बेगम से निकाह कर लिया और शेरशाह से डरकर ईरान जाने लगा। 
 
जब वह वापस जा रहा था तो वह बहुत ही बुरी स्थिति में था। खाने पीने तक को लेकर वह मोहताज हो गया था। 
 
जब वह अमरकोट पहुंचा तो अमरकोट के राजा ने उसकी दुर्दशा को देखते हुए उसको शरण दी। 
 
हुमायूं ने अपनी पत्नी हमीदा बानो बेगम को राजा वीरसाल के पास छोड़ दिया (सितंबर 1541) और खुद वो ईरान चला गया। 
 
जहां वह 15 साल तक भटकता रहा, फिर हुमायूं वापस 1555 में आया जहां उसने सरहिंद की लड़ाई जीत कर वापस अपने पैर मजबूत किए। 
 
अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 में राजा वीरशाल के महल में हुआ।
 
यहां गौर करने वाली बात ये है की जब एक साल से भी अधिक समय पहले हुमायूं ने हमीदा बेगम को देखा नहीं तो अकबर कैसे पैदा हुआ। 
 
बहुत से इतिहासकार मानते हैं की शायद अकबर राजा वीरशाल का पुत्र हो सकता है। 
 
लेकिन राजा वीरशाल एक राजपूत राजा थे और राजपूत राजा अपने शरण में आए किसी भी स्त्री के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते थे, क्योंकि ये सब उनकी संस्कृति में नहीं था। 
 
अकबर किसका पुत्र था यह हमीदा बानो बेगम के अलावा किसी को नहीं पता हो सकता। 
 
लेकिन हमें इतिहास में यही पढ़ाया गया है की अकबर हुमायूं का बेटा था और इतिहास की बात पर बिना तथ्य के आंख बन्द करके विश्वास करने के सिवा कोई चारा भी नहीं है।
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