क्या हमें रोज नहाना चाहिए, इसके पीछे का विज्ञान है हैरान करने वाला

रोज नहाना एक अच्छी आदत मानी जाती है और शरीर की सफाई के लिए नहाना भी जरूरी होता है। 

हमारे शरीर से दिन-रात पसीना निकला करता है और जब भी हम कहीं बाहर होते हैं तो शरीर पर धूल और अन्य प्रकार के कण चिपक जाते हैं जिनसे छुटकारा पाने के लिए हमें रोज नहाना पड़ता है। 

लेकिन क्या आपको पता है की रोज नहाना हमारी त्वचा के लिए नुकसानदेय होता है और यह कई सारी त्वचा की समस्याओं को लेकर आता है। 

आईए समझते हैं विज्ञान क्या कहता है नहाने के बारे में

रोज नहाने से हो सकती हैं कई सारे दिक्कतें

जी हां, बिलकुल सही पढ़ा आपने रोज नहाने से हमारी त्वचा में कई सारी दिक्कतें होनी शुरु हो जाती हैं। 

हमारी त्वचा खुद को स्वस्थ रखने के लिए लिपिड्स निकालती है जो हमारी त्वचा के प्राकृतिक टोन को बनाए रखता है। 

जब हम साबुन या बॉडी वॉश से नहाते हैं तो ये केमिकल्स हमारे शरीर के प्राकृतिक लिपिडस को हटा देते हैं जिसकी वजह से त्वचा को अपनी टोन और इलास्टिसिटी बनाए रखने में समस्या शुरु हो जाती है। 

जिसके कारण त्वचा सूखनी शुरू हो जाती है, फिर हम त्वचा को सूखने से बचाने के लिए पूरे शरीर पर मॉयश्चराइजर लगाते हैं।

इसके अलावा रोज साबुन या किसी बॉडी वॉश से नहाने से हमारी त्वचा डैमेज होनी शुरु हो जाती है और हमें समय से पहले झुर्रियां और बुढ़ापा घेर लेता है। 

हमारी त्वचा कांतिहीन दिखने लगती है। रोज नहाने से हमारे शरीर के प्राकृतिक लिपिड्स बह जाते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस हमारी त्वचा पर आसानी से हमला कर देते हैं। 

हमारे शरीर के प्राकृतिक लिपिडस इन हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से हमारी रक्षा करते हैं।

रोज नहाने से आपकी त्वचा में होने वाले इंफेक्शन और मुंहासे भी बढ़ जाते हैं। 

स्किन बहुत ही सेंसिटिव हो जाती है जिसकी वजह से हमें खुजली और अन्य प्रकार की दिक्कतें शुरू हो जाती हैं।

क्या है नहाने का सही तरीका

नहाते वक्त साबुन लगाने का तरीका हमनें अंग्रेजो से सीखा और सन् 1918 में पहली साबुन बनाने की फैक्ट्री भारत में लगी।

इसके पहले हम भारतीय तालाब में पाई जाने वाली एक प्रकार की मिट्टी और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते थे अपने शरीर को साफ करने में। 

हमारे पूर्वज रोज नहाते थे लेकिन वो साफ पानी से सिर्फ शरीर को रगड़ कर नहाते थे जिसके कारण शरीर से सारे धूल के कण और गंदगी निकल जाती थी और त्वचा की कोई समस्या नहीं होती थी। 

ना ही वो कोई मॉइश्चराइजर लगाते थे और न ही कोई सौंदर्य प्रसाधन क्रीम क्यूंकि इन सब की जरूरत ही नहीं पड़ती थी। 

आप रोज नहाएं लेकिन साबुन और किसी अन्य केमिकल का शरीर पर इस्तेमाल ना करें। 

अपने शरीर को अच्छे से पानी से साफ करें ताकी सारी मैल निकल जाए। 

आपको किसी भी सोप या बॉडी लोशन की जरूरत नहीं पड़ेगी और ना ही आपकी त्वचा से दुर्गंध आयेगी। 

आपका पसीना अधिक बदबू करता है तो अपने खान-पान को सात्विक रखें और नीम की पत्तियों को ऊबाल कर उसका पानी अपने नहाने के पानी में मिला लें यह आपके शरीर को दुर्गंध और इन्फेक्शन दूर कर देगा। 

आप गुलाब जल या अन्य प्राकृतिक चीजों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 

इससे आपकी त्वचा स्वस्थ रहेगी और झुर्रियां बुढ़ापे तक नहीं आयेगी।

नहाने में साबुन और अन्य केमिकल वॉश का इस्तेमाल सिर्फ कंपनियों की अपने प्रॉडक्ट को बेचने का तरीका है। 

आप खुद सोचे जब साबुन और अन्य केमिकल युक्त वॉश तो अभी 50 या 60 सालों से मार्केट में तेजी से आए हैं उसके पहले क्या लोग नहाते नहीं थे। 

सबसे पहले आप साबुन या बॉडी वॉश लगाएं फिर आप त्वचा को सूखने से बचाने के लिए मॉइश्चराइजर लगाएं फिर आप त्वचा की झुर्रियां रोकने के लिए क्रीम लगाएं या अन्य समस्या के लिए दवाई खाएं। 

यह सब सिर्फ अपने माल को बेचने का तरीका है। 

आप को अगर स्वस्थ रहना है तो हमारे ऋषि मुनियों द्वारा बताए गए तरीकों पर चले आपको स्वास्थ संबंधी समस्या होने की संभावना बहुत कम हो जायेगी।

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