सोते समय चक्कर आना: कारण, लक्षण और बचाव

सोते समय चक्कर आना शरीर में होने वाली किसी समस्या को दर्शाता है।

वैसे तो सोते समय चक्कर आने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे आम कारण BPPV नामक बीमारी होती है।

आईए जानते हैं की सोते समय चक्कर आने का कारण क्या होता है, इसका ईलाज कैसे करें और इससे बचने के लिए क्या-क्या सावधानियां बरतें

सोते समय चक्कर आने का कारण

सोते समय चक्कर आने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसके तीन मुख्य कारण होते हैं

1) बीपीपीवी (BPPV)

2) मेनियर्स डिजीज

3) Labyrinthitis या Vestibular Neuritis

इनके अलावा कुछ अन्य कारण भी हैं जिसकी वजह से सोते समय चक्कर आता है जैसे

1) कान में इन्फेक्शन या कान के ऑपरेशन के कारण

2) लंबे समय तक आराम करने के कारण

3) वृद्धावस्था में

4) सिर में चोट लगने के कारण

5) किसी दवा के दुष्प्रभाव के कारण

6) ऑस्टियोपोरोसीस

7) माइग्रेन

8) कान में खून का प्रवाह कम होने पर

9) डायबिटीज

BPPV के कारण आने वाला चक्कर

BPPV का मतलब होता है Benign Paroxysmal Positional Vertigo और यह सोते समय चक्कर आने का सबसे बड़ा कारण होता है।

BPPV की वजह से आपको हल्के से लेकर बहुत तेज चक्कर आ सकते हैं।

कई मामलों में हल्की सी सिर की पोजिशन बदलने पर भी BPPV की वजह से चक्कर आने शुरु हो जाते हैं।

BPPV होने पर मरीज को चक्कर आना, संतुलन बनाए रखने में दिक्कत होना, उल्टी जैसा महसूस होना या उल्टी होना जैसे लक्षण महसूस होते हैं।

BPPV के लक्षण आते जाते रहते हैं और इनका प्रभाव एक मिनट या इससे कम समय के लिए होता है लेकिन बार-बार होता है।

कुछ लोगों में चलने में BPPV के लक्षण दिखना शुरु हो जाते हैं तो कुछ लोगों में सिर हिलाने पर ही इसके लक्षण दिख जाते हैं।

हर व्यक्ती में BPPV के लक्षण अलग-अलग होते हैं।

BPPV होने का मुख्य कारण हमारे कान के अंदर का एक छोटा सा स्ट्रक्चर या अंग है जिसे हम Vestibular Labyrinth कहते हैं।

इसमें गोलाकार संकरी नालियां बनी होती हैं जिसमें द्रव भरा रहता है और इन संकरी नालियों के अंदर बालों की तरह की संरचना होती है।

यह बालों की तरह की संरचना हमारे संतुलन बनाए रखने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

हमारे अंदरूनी कान के एक और हिस्से जिसे हम Urticle कहते हैं, इसके अंदर ग्रेविटी को समझने वाले छोटे-छोटे कैल्शियम कार्बोनेट के क्रिस्टल होते हैं।

जब किसी कारणवश यह अपनी जगह से हट कर कान के Vestibular Labyrinth में चले  जाते हैं तो यह वहां बालों की जैसी संरचना को प्रभावित करते हैं और वहां जमा होने लगते हैं।

इस वजह से दिमाग को गलत संदेश जाना शुरु हो जाता है और मरीज को चक्कर आने लगते हैं।

BPPV के कारण आने वाले चक्कर का ईलाज है और कुछ दवाओं और सिर की कुछ एक्सरसाइज की सहायता से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

मेनियर्स डिजीज (Meniere’s Disease) के कारण आने वाला चक्कर

मेनियर्स डिजीज के कारण भी सोते समय चक्कर आते हैं।

मेनियर्स डिजीज अधिकतर 40 साल के बाद होती है और यह समस्या जीवन भर बनी रहती है।

इसमें मरीज को चक्कर आना, सुनाई कम देना, कान भरा-भरा सा महसूस होना और कान में सीटी बजना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

मेनियर्स डिजीज होने का मुख्य कारण हमारे अंदरूनी कान के Endolymph के अंदर द्रव्य (Fluid) का प्रेशर बढ़ जाना होता है।

Endolymph के अंदर प्रेशर बढ़ जाने के कई कारण होते हैं जैसे

1) कान में ब्लॉकेज

2) कान का अनियमित आकार होता है

3) ऑटो इम्यून बीमारी

4) वायरल इंफेक्शन

5) अनुवांशिक बीमारी

मेनियर्स डिजीज के कारण सोते समय चक्कर आने लगते हैं और मरीज के सुनने की क्षमता भी प्रभावित होती है।

मेनियर्स डिजीज दवाईयों से कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन यह जीवन भर रहने वाली बीमारी है।

सोते समय चक्कर आने से रोकने के उपाय

1) पीठ के बल सोना शुरू करें

2) धीरे चलें

3) सोते समय सिर को ऊपर रखें

4) सोने के एक घंटा पहले मोबाईल या टीवी बिलकुल मत देखें

5) डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाई समय पर खाएं

6) तनाव कम लें

7) डॉक्टर मरीज को सिर की कुछ एक्सरसाइज करने को बोलता है, उन्हें नियमित तरीके से बिना गैप दिए रोज करें

8) सोते वक्त प्रभावित कान (डॉक्टर से जांच करवाने के बाद) को हमेशा ऊंचा रखें या जिस कान के कारण आपको चक्कर आने की समस्या हो रही हो उसको नीचे की तरफ करके कभी ना सोएं

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